जोधपुर (हमारा वतन) आज गांधी जयंती पर जोधपुर संभाग के कार्यकर्ताओं द्वारा रोडवेज मुख्यालय के सामने भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय मांग को लेकर चल रहा धरना छटे दिन भी जारी रहा | धरने को भामसं के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह डाबी ने संबोधित करते हुए कहा कि फैडरेशन के अनुशासित कार्यकर्ताओं द्वारा गांधीवादी तरीके से किए जा रहे आंदोलन में प्रबंधन द्वारा संगठन के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता हेतु नहीं बुलाया जाना दुःखद है। उससे भी दुःखद स्थापना दिवस के दिन भी रोडवेज के सेवारत एवम सेवानिवृत कर्मचारियों को दो माह के वेतन, पेंशन का भुगतान न होने से खाली हाथ रहना है
राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फेडरेशन एवं संयुक्त सेवानिवृत कर्मचारी महासंघ द्वारा रोडवेज में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच कराने, रोडवेज में राज्य सरकार के अनुरूप ओ. पी. एस. का लाभ देने तथा बस अड्डा प्राधिकरण के नाम पर सिंधी कैंप से रोडवेज बसों का संचालन बंद करने, रोडवेज में स्थानांतरण उद्योग पनपाने, 1 तारीख को वेतन पेंशन देने तथा एक साल से बकाया से सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान करने सहित मांग पत्र पर समाधान हेतु रोडवेज मुख्यालय पर बीएमएस का धरना छटे दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता जगजीवन सिंह जसोल द्वारा की गई। जोधपुर संभाग के घनश्याम सिंह चंपावत, रमेश साई सहित कई दर्जन कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया
संस्थान के पास करोड़ों की संपत्ति, निगम के स्वयं के बस अड्डे और यह वैभव रोडवेज के सेवारत एवम सेवानिवृत कर्मचारियों के श्रम का नतीजा है। कभी 5000 बसों के बेड़े के साथ सरकार को लाभांश देने, पूरे भारत के परिवहन निगमों में सबसे कम दुर्घटना का पुरस्कार पाने वाला रोडवेज तथा उत्तम डीजल औसत देकर राष्ट्र का राजस्व बचाने वाला रोडवेज आज विकट संकट के दौर से गुजर रहा है। निगम की समस्त उपलब्धियां, कीर्तिमान, संपत्ति निगम के कर्मठ कर्मकारों की संस्थान के प्रति समर्पण की भावना से ही संभव हो पाए है।
आज रोडवेज में सरकारी बसें नहीं खरीदी जा रही है रिक्त पदों पर भर्ती न होने से रोडवेज में रिक्त पदों की संख्या 10,000 तक पहुंच गई है। इसी निगम के सिर पर आज रिकार्ड घाटा देने वाले संस्थान का ठप्पा लग चुका है। राज्य सरकारों की अनदेखी एवम निगम शीर्ष प्रबंधन के कुप्रबंधन,भ्रष्टाचार के कारण आज निगम में हर स्तर का सेवारत एवम सेवानिवृत वरिष्ठजन बदहाली का शिकार हैं।
कर्मठ कर्मकारों को दो दो माह तक वेतन,पेंशन नहीं दिया जा रहा है। कर्मचारियों द्वारा किए गए अधिश्रम को अधिकारियों से प्रमाणित करने बावजूद भी 70 प्रतिशत काटकर भी भुगतान नहीं किया जा रहा है। 13 माह से सेवानिवृत वरिष्ठजन के सेवानिवृति परिलाभों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। रोडवेज में अनुबंध पर ली 398 समान प्रकार की बसों में अलग अलग 5 रुपए से 15 रुपए प्रति कि.मी.की दर तय करने में भ्रष्टाचार हुआ है।
रोडवेज में समान काम पर एजेंसी के माध्यम से चालकों की भर्ती हुई जिसमे 2000 रुपए प्रति माह पी एफ और ई इस आई के नाम से काटकर संबंधित विभागों में मिली भगत से जमा नहीं करवाकर भ्रष्टाचार किया गया है। रोडवेज में स्थानांतरण को उद्योग बना कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है तथा स्थानांतरण ले दे कर निरस्त किए जा रहे हैं। अधिकारियों के भ्रष्टाचार पर पर्दा डाला जा रहा है। छोटे कर्मचारियों पर दोष मढ़कर आरोप पत्र जारी किए जा रहे है । रोडवेज के विभागाध्यक्षों द्वारा पिछले 1 वर्ष के दौरान पुराने मामलों की स्वीकार की गई अपीलों में कर्मचारियों को बरी करके भ्रष्टाचार किया गया।
बस अड्डा प्राधिकरण के नाम पर सिंधी कैंप से रोडवेज बसों का संचालन बंद कर हीरापुरा बस स्टैंड से प्राइवेट और रोडवेज बसों को संचालित कर प्राइवेट बस माफिया को उपकृत किया जा रहा है। तकनीकी कर्मचारियों के प्रमोशन में विसंगति,कर्मचारियों के उपार्जित अवकाश संचय की सीमा में विसंगति, मातृत्व अवकाश में निगम में अलग अलग नियम विसंगति व्याप्त है। मुख्यालय पर नौ दिवसीय धरने के सातवें दिन कल कोटा संभाग का धरना रहेगा |
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
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