जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
सीकर (हमारा वतन) योग निश्चित ही विश्व को भारत की एक अमूल्य देन हैं ।भारत के प्रयासों से ही सयुंक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की मान्यता दी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितम्बर , 2014 को सयुंक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान विश्व समुदाय से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की पहल की थी । इस पहल के बाद 11 दिसम्बर , 2014 को 193 सदस्यीय सयुंक्त राष्ट्र महासभा में 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली । 21 जून को इसलिए चुना गया कि यह दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन होता हैं ओर योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रबल करता है । पहली बार योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया ।
योग दिवस का भारत मे बना था रिकॉर्ड
राजपथ पर हुए समारोह ने दो गिनीज़ रिकॉर्ड की स्थापना की थी । एक सबसे बडी योग क्लास जिसमें 35985 लोगों ने एक साथ भाग लेकर रिकॉर्ड बनाया तथा दूसरा विश्व के 84 देशों के लोगों द्वारा इस आयोजन में एक साथ भाग लेने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया था । इस बार भी पी एम मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में विश्व योग दिवस मनाया जा रहा है जिसमें लगभग साठ हजार लोगों के भाग लेने की संभावना है ।
योग एवं भारत
योग की उत्पति भारत से ही मानी जाती है । भारत में योग का इतिहास लगभग पांच हजार वर्ष पुराना वैदिक काल से बताया गया है । आधुनिक योग का जनक महर्षि पतंजलि को माना जाता हैं । महर्षि पतंजलि ही एक मात्र ऐसे व्यक्ति थे जिन्होने योग को आस्था , अंधविश्वास ओर धर्म से बाहर निकालकर एक सुव्यवस्थित रूप दिया था । स्वामी विवेकानंद ने योग की शुरूआत बहुत पहले अपने शिकागो सम्मेलन के भाषण में योग का संदेश सम्पूर्ण विश्व को दिया था ।
योग के लाभ
योग मनुष्य में सकारात्मकता और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है । वर्तमान समय में कोरोना से सम्पूर्ण विश्व त्रस्त है और ऐसी स्थिति में भी अनुलोम-विलोम ,प्राणायाम जैसी योग विधियों के माध्यम से लोग अपनी इम्युनिटी ठीक रखने में भरपूर मदद पा रहे है । इसके अलावा शरीर के किसी हिस्से में दर्द हो ,मानसिक तनाव हो यह सब योग से ठीक होते हैं । योग अस्थमा , मधुमेह ,रक्तचाप ,पाचन विकार ,ओर अन्य बीमारियों कोठीक करने में चिकित्सा के रूप मे सफल विकल्प है ।
योग का भविष्य
भारत के लिए बहुत गर्व की बात है कि सम्पूर्ण विश्व में प्रतिवर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया जा रहा है । आज के समय में योग का उज्ज्वल भविष्य सामने है । वर्तमान में योग के प्रति लोगों की रुचि बढ़ती जा रही हैं जिससे आने वाले समय में योग का स्तर और व्यापक होने की संभावनाओ से इंकार नहीं किया जा सकता । योग अब विदेशों में भी अपनाया जा चुका है जो यह दर्शाता है कि योग अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विकसित हो चुका है ।
– लेखक जीएस दायमा (पूर्व वरिष्ठ बैंक प्रबंधक व सामाजिक कार्यकर्ता)