नई दिल्ली (हमारा वतन) हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने की शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण रूप में होता है। अलग-अलग जगहों पर पूर्णिमा को कई अलग तरह के नामों से जाना जाता है। कहीं इसे पौर्णिमी और कुछ जगहों को पूर्णमासी कहते हैं। पूर्णिमा के दिन कई लोग व्रत रखते हैं और सत्यनारायण की कथा व पूजा रखते हैं।
वैदिक ज्योतिष में चन्द्रमा को मन का कारक माना गया है। इसलिए चंद्रमा के अपने पूरे रूप में होने की वजह से उसका असर सीधे जातक के मन पर पड़ता है। कहते हैं कि ऐसा करने सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। पूर्णिमा तिथि हर महीने में एक बार आती है।