जयपुर (हमारा वतन) इस साल अक्षय तृतीया 10 मई को है। इसी दिन पूरे देश में भगवान परशुराम की जयंती मनाई जाती है।अक्षय तृतीया को ईश्वर तिथि भी कहा जाता है। इसी तिथि को भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। कहा जाता है कि भगवान परशुराम क्षत्रियों की बर्बरता का मुकाबला करने के लिए पृथ्वी पर अवतरित हुए थे। इस दिन को भारत के कई हिस्सों में परशुराम जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गंगा नदी पृथ्वी पर अवतरित हुई थी। इस दिन मां लक्ष्मी और विष्णु भगवान की अराधना और स्नान दान बहुत ही फलदायी रहता है। हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन को बेहद ही शुभ माना जाता है। हर साल वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर अक्षय तृतीया का पर्व पड़ता है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया को सभी पापों का नाश करने वाली और सभी सुखों को प्रदान करने वाली तिथि भी कहा जाता है। आइए जानते हैं अंतर्राष्ट्रीय भविष्यवक्ता पंडित रविन्द्राचार्य से अक्षय तृतीया की पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व:-
मुहूर्त:-
तृतीया तिथि प्रारम्भ – मई 10, 2024 को 04:17 ए एम बजे
तृतीया तिथि समाप्त – मई 11, 2024 को 02:50 ए एम बजे
अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त – 05:49 ए एम से 12:23 पी एम
अवधि – 06 घण्टे 35 मिनट्स
अक्षय तृतीया का महत्व:-
अक्षय तृतीया के दिन अबूझ मुहूर्त रहता है। इस पावन दिन किसी भी तरह के शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
इस पावन दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया के पावन दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था।
अक्षय तृतीया के दिन पितृ संबंधित कार्य करना भी शुभ रहता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन दान- पुण्य करने का भी बहुत अधिक महत्व होता है।
अक्षय तृतीया के पावन दिन सोना खरीदने की परंपरा भी है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सोने की खरीददारी करने से घर में सुख- समृद्धि आती है।
पूजा विधि:-
इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
स्नान करने के बाद साफ स्वच्छ वस्त्र पहनें।
इसके बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
इस पावन दिन माता लक्ष्मी और विष्णु भगवान की पूजा का विशेष महत्व होता है।
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को भोग अवश्य लगाएं। इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का ही भोग लगाया जाता है।
भगवान की आरती करें।
इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।