नई दिल्ली (हमारा वतन) हिंदू धर्म से जुड़े पूजा-पाठ के कई नियम होते हैं | साथ ही अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा विधि में भी भिन्नता होती है इसलिए हिंदू धर्म में सप्ताह के हर दिन को खास माना जाता है और सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है |
हिंदू धर्म में जब भी कोई पूजा-पाठ या शुभ-मांगलिक कार्यों का आयोजन होता है तो नारियल का इस्तेमाल जरूर किया जाता है | नए दुकान का शुभारंभ हो, शादी-विवाह, नया वाहन, गृह प्रवेश, तीज-त्योहार और साप्ताहिक व्रत आदि से लेकर सभी मौके पर नारियल का महत्व होता है | नारियल को या तो फोड़ा जाता है या चढ़ाया जाता है |
हिंदू धर्म से जुड़े लगभग सभी देवी-देवताओं को नारियल चढ़ाए जाते हैं और पूजा सामग्री में नारियल को जरूर शामिल किया जाता है क्योंकि इसके बिना पूजा अधूरी होती है | जानते हैं पूजा-पाठ में क्यों जरूरी है नारियल, क्या है इसका महत्व और किस देवी-देवता को चढ़ाएं कौन सा नारियल |
नारियल का महत्व – पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान विष्णु जब पृथ्वी पर अवतरित हुए तो अपने साथ मां लक्ष्मी, नारियल वृक्ष और कामधेनु गाय को भी साथ लेकर आए थे इसलिए नारियल वृक्ष को कल्पवृक्ष भी कहा जाता है | इसमें त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है | नारियल पर बने छेद की तुलना तो शिवजी के नेत्र से की जाती है और लगभग सभी पूजा-पाठ में इसका इस्तेमाल होता है |
नारियल को लेकर अन्य मान्यता यह भी है कि मानव के रूप में नारियल को विश्वामित्र द्वारा तैयार किया गया था | एक बार विश्वामित्र इन्द्र से रुष्ट हो गए और दूसरे स्वर्ग लोक का निर्माण करने लगे | दूसरी सृष्टि का निर्माण करते हुए उन्होंने मानव के रूप में नारियल का निर्माण किया इसलिए नारियल के खोल पर बाहर दो आंखें और एक मुख की रचना है |
पूजा में चढ़ाएं किस देवी-देवता को कैसा नारियल –
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नारियल को श्रीफल कहा जाता है | श्रीफल यानी मां लक्ष्मी लेकिन अलग-अलग समय नारियल चढ़ाने का अलग महत्व है | सात्विक पूजा में नारियल का चुनाव जरूरी है | जैसे कि देवताओं में नारियल चढ़ाने का चुनाव |
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शिवालय में कभी भी नारियल फोड़ा नहीं जाता बल्कि केवल साबुत नारियल चढ़ाया जाता है |
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भगवान को गीला नारियल भी वही चढ़ाएं जिसमें खोल हो |
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हरे नारियल का इस्तेमाल पूजा-पाठ में नहीं होता है | इसका इस्तेमाल केवल पेय पदार्थ के रूप में होता है |
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बाबाभैरव को जब नारियल अर्पित करते हैं तो इसे फोड़ा जाता है और इसके बीच में करफूल, कालीमिर्च और लौंग आदि या जो भी हम प्रसाद चढ़ाते हैं उसे डाला जाता है |
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विष्णुजी और लक्ष्मी जी को कभी भी फोड़कर नारियल नहीं चढ़ाना चाहिए | आप साबुत नारियल को चढ़ा सकते हैं |
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जटा वाले नारियल को सभी तामसिक देवियों और हनुमान जी को चढ़ाया जा सकता है |