जयपुर (हमारा वतन) राजस्थान में नए सीएम का मामला लंबा खींचता जा रहा है। खबर है कि बीजेपी विधायक दल की बैठक मंगलवार को होगी। पहले कल सोमवार को बैठक प्रस्तावित थी। लेकिन नए सीएम की खोज के लिए बनाए गए पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह, सरोड पांड़े और विनोद तावड़े आज जयपुर नहीं पहुंचे है। ऐसे में माना जा रहा है कि विधायक दल की बैठक मंगलवार को होगी। तर्क यह दिया जा रहा है कि राजनाथ सिंह का लखनऊ में कोई कार्यक्रम है। इसलिए जयपुर नहीं पहुंच पाए है |
सियासी जानकारों का कहना है कि वसुंधरा राजे जिद पर अड़ी हुई है। ऐसे में सहमति नहीं बन पाने की वजह से पर्यवेक्षकों का आज जयपुर आने का दौरा टल गया है। राजनीति विश्लेषकों का कहना है कि वसुंधरा राजे मोदी-शाह को मैडम चुनौती दे रही है। मान भी लिया जाए कि राजनाथ सिंह के कार्यक्रमों की वजह से विधायक दल की बैठक टाली जा रही हो, क्योंकि राष्ट्रपति की आगवानी करने के लिए वहां का राज्यपाल, मुख्यमंत्री, और केंद्र से मंत्री भेजे जा सकते है।
सियासी जानकारों का कहना है कि बात इतनी सीधी नहीं है कि राजनाथ के पूर्व कार्यक्रमों की वजह से इतनी देरी लग रही हो। दरअसल, पार्टी आलाकमान वसुंधरा राजे के डरा हुआ है। क्योंकि विधायकों का समर्थन वसुंधरा राजे के पक्ष में है। जबकि आलाकमान वसुंधरा राजे को पसंद नहीं कर रहा है। पसंद करता तो सीएम फेस ही घोषित कर देता। लेकिन ऐसा नहीं किया। वसुंधरा राजे के घर आज भी समर्थक विधायकों का जमावड़ा लगा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की अनदेखी करना पार्टी आलाकमान को भारी पड़ सकता है। वसुंधरा राजे जिद पर अड़ी हुई है। सीएम से कम कोई पद स्वीकार नहीं है। ऐसे में पार्टी आलाकमान के लिए सीएम का फैसला करना कठिन हो रहा है।
सियासी जानकारों का कहना है कि वसुंधरा राजे की अनदेखी पार्टी को भारी पड़ सकती है। क्योंकि लोकसभा चुनाव होने है। ऐसे में वसुंधरा राजे ही सियासी समीकरण साध सकती है। यही वजह है कि वसुंधरा राजे की तुलना में राजस्थान बीजेपी में कोई बड़ा चेहरा नहीं है। राजस्थान में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अश्वनि वैष्णव, किरोड़ी लाल मीणा, अर्जुन मेघवाल और वसुंधरा राजे समेत आधा दर्जन नाम सीएम की रेस में शामिल है।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
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