जयपुर (हमारा वतन) महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने विधानसभा में आश्वस्त किया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाएगा और वर्तमान में पदों को भरने के लिए नियमानुसार प्रक्रिया जारी है।
भूपेश ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 15 करोड़ की राशि दी गयी है, इसमें राज्यांश शामिल कर वरियता के आधार पर भवन निर्माण का कार्य प्रगति पर है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में सदस्यों द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण का कार्य पंचायती राज निकाय अथवा स्थानीय निकाय अथवा राजस्व विभाग से नि:शुल्क भूमि आवंटन हो जाने पर विभाग द्वारा वित्तीय संसाधन की उपलब्धता के अनुसार वरियता के आधार पर करवाया जाता है।
उन्होंने कहा कि किराये के भवनों में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों को प्राथमिकता दी जाती है। इसके बाद नि:शुल्क भवनों, सामुदायिक भवनों एवं अंत में राजकीय विद्यालयों में चलने वाले केन्द्रों के शामिल किया जाता है।
भूपेश ने बताया कि विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण केन्द्र सरकार से अनुदान राशि प्राप्त होने के पश्चाेत नरेगा, 15वें वित्त आयोग इत्यादि योजनाओं के कन्वर्जेंस से करवाया जाता है।
इससे पहले महिला एवं बाल विकास मंत्री ने विधायक ललित कुमार के मूल प्रश्न के लिखित जवाब मे बताया कि विधानसभा क्षेत्र बड़ीसादड़ी के अन्तर्गत 3 बाल विकास परियोजनाऐं क्रमश: डूंगला, बड़ी सादड़ी एवं भदेसर संचालित हैं।
उन्होंने कहा कि परियोजना डूंगला में 128, परियोजना बड़ी सादड़ी में 145 एवं परियोजना भदेसर में 47 कुल 320 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं। उन्होंने इन केन्द्रों में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं/मिनी कार्यकर्ताओं व 230 सहयोगिनियों का विवरण प्रस्तुत किया।
भूपेश ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य निधि मद से आंगनबाड़़ी कार्यकर्ता, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी सहायिका के मानदेय में 01 अप्रेल 2021 से 10 प्रतिशत, 01 अप्रेल 2022 से 20 प्रतिशत एवं 01 अप्रेल 2023 से 15 प्रतिशत अर्थात कुल मानदेय दर में तीन बार में 45 प्रतिशत की वृद्धि की गई।
उन्होंने कहा कि केन्द्र प्रवर्तित योजना समेकित बाल विकास सेवाऐं कार्यक्रम अन्तर्गत आंगनबाड़ी केन्द्र पर आंगनबाड़ी सेवाओं के बाबत भारत सरकार के निर्देशों के तहत निर्धारित मानदेय आधार पर मानदेय कर्मी कार्यरत है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य कर्मचारी की श्रेणी में नहीं आते हैं ना ही इन पर राजकीय सेवा नियम लागू होते हैं।
उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रोंं के भवन निर्माण का कार्य पंचायती राज निकाय/स्थानीय निकाय/राजस्व विभाग से नि:शुल्क भूमि आवंटन हो जाने पर विभाग द्वारा वित्तीाय संसाधन की उपलब्धता के आधार पर प्राथमिकता से क्रमश: किराये के भवनों, नि:शुल्क भवनों सामुदायिक भवनों एवं अंत में राजकीय विद्यालयों की एवज में निर्धारित नॉर्म्स के अनुसार करवाया जाता है।
उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण भारत सरकार से अनुदान राशि प्राप्त् होने के पश्चाेत नरेगा, 15वें वित्त आयोग इत्यादि योजनाओं के कन्वर्जेंस से करवाया जाता है।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
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