नई दिल्ली (हमारा वतन) हिंदू धर्म में पूजा-पाठ या किसी भी धार्मिक अनुष्ठान में फूलों का इस्तेमाल किया जाता है | भगवान को फूल अर्पित करने से वह प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं | आपने पूजा-पाठ या धार्मिक कार्यों में देखा होगा कि अधिकतर गेंदे के फूल का इस्तेमाल किया जाता है | इस फूल को काफी पवित्र माना जाता है | पीले और केसरिया रंग का ये फूल जहां दिखने में खूबसूरत लगता है | वहीं, भगवान और देवी-देवताओं को भी अति प्रिय है.
निगेटिव एनर्जी – लोग घर में सजावट के लिए विभिन्न तरह के फूल लगाते हैं | ऐसा माना जाता है कि फूल घर की निगेटिविटी को दूर करते हैं | गेंदे के फूल का संबंध देव गुरु बृहस्पति से माना जाता है | इसका पूजा-पाठ में उपयोग करने से विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है|
एकता का प्रतीक – गेंदे के फूल का केसरिया रंग मोह-माया और त्याग को दर्शाता है | वहीं, ये एकता का प्रतीक भी माना जाता है, ऐसे में अगर घर में होने वाले भगवान की उपासना के दौरान, इसका इस्तेमाल किया जाए तो परिवार में एकता बनी रहती है |
संतान की दिक्कत – भगवान विष्णु की पूजा में गेंदे का फूल अर्पित करने से संतान से संबंधित दिक्कतें दूर होती हैं | वहीं, भगवान गणेश को भी यह फूल पसंद है, ऐसे में अगर उनकी पूजा करते समय गेंदे के फूल को चढ़ाया जाए तो उनकी कृपा प्राप्त होती है |
(Disclaimer:- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है | HAMARA WATAN इसकी पुष्टि नहीं करता है |)
रिपोर्ट – भगवान सहाय यादव
जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
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