जयपुर (हमारा वतन) केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने धौलपुर-करौली में राज्य के पांचवें टाइगर रिजर्व को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही धौलपुर करौली बाघ अभयारण्य बाघों के लिए समर्पित देश का 53वां रिजर्व बन गया है। इसी साल फरवरी में राष्ट्रीय बाघ सरंक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने इसकी मंजूरी दी थी।
मंत्रालय ने राजस्थान में कुंभलगढ़ को टाइगर रिजर्व घोषित करने को भी सैद्धांतिक मंजूरी दी है। इसके साथ ही अब राजस्थान में पांच टाइगर रिजर्व हैं। इसमें सवाई माधोपुर में रणथंभौर टाइगर रिजर्व; अलवर में सरिस्का टाइगर रिजर्व; कोटा में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व, बूंदी में रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व और धौलपुर-करौली टाइगर रिजर्व शामिल हैं।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र सिंह ने ट्वीट कर कहा- राजस्थान ने वन्य जीव सरंक्षण में लंबी छलांग लगाई है। राज्य में एक और बाघ अभयारण्य की घोषणा की गई है। धौलपुर-करौली बाघ अभयारण्य को अंतिम मंजूरी मिल गई है। आइए हम संकल्प लें कि इस बहुमूल्य पारिस्थितिकी और बाघों की हम रक्षा करेंगे।
सरकारी आंकड़े बतलाते हैं कि देश में 2018 में कुल 2,967 बाघ थे जो 2022 में बढ़कर 3,682 हो गए हैं। इस प्रकार बाघों की संख्या में सालाना छह फीसदी की वृद्धि हुई है। साल 2014 में रणथंभौर टाइगर रिजर्व में 59 बाघ थे जिनकी आबादी अब 120 तक पहुंच गई है।
रणथंभौर टाइगर रिजर्व के लगभग 90 बाघ 1,334 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में रहते हैं। यह खासियत ही इस अभयारण्य को उत्तराखंड के कॉर्बेट नेशनल पार्क और असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के बाद देश में बाघों का तीसरा सबसे ज्यादा संख्या वाला निवास स्थल बनाता है। रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बड़ी बिल्लियों की बढ़ती आबादी से उत्साहित राज्य वन विभाग ने धौलपुर-करौली को राजस्थान के पांचवें बाघ अभयारण्य के तौर पर विकसित करने का प्रस्ताव रखा था।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
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