जयपुर (हमारा वतन) सनातन धर्म में सावन की अमावस्या काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। अगस्त के महीने में पड़ने वाली इस अमावस्या को श्रावणी और हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है। श्रावणी अमावस्या के दिन विशेष तौर पर विष्णु जी की पूजा-अर्चना की जाती है। आज 4 अगस्त को हरियाली अमावस्या है | आइए जानते हैं हरियाली अमावस्या का शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि, उपाय और महत्व-
कब से शुरू है हरियाली अमावस्या?
श्रावण, अमावस्या तिथि प्रारम्भ – अगस्त 03, 2024 को 03:50 PM बजे
अमावस्या तिथि समाप्त – अगस्त 04, 2024 को 04:42 PM बजे
अमृत काल – 06:39 AM से 08:21 AM
अभिजित मुहूर्त – 12:00 PM से 12:54 PM
गोधूलि मुहूर्त – 07:10 PM से 07:31 PM
स्नान-दान मुहूर्त- सुबह 05.10 – सुबह 7:30 तक
पितृ दोष और काल सर्प दोष उपाय – हरियाली अमावस्या की विशेष तिथि पर कुछ उपायों की मदद से पितृ दोष और काल सर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है। इसलिए इस दिन पूरी श्राद्धा के साथ भगवान शिव की आराधना करें। वहीं, पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन पितृ स्तोत्र और पितृ कवच का पाठ जरूर करें। श्रावणी अमावस्या पर ब्राह्मणों को भोजन कराने और तर्पण करने से पितरों की कृपा घर के सदस्यों पर बनी रहती है।
पूजा-विधि –
-
स्नान आदि कर मंदिर की साफ सफाई करें |
-
गणेश जी को प्रणाम करें |
-
विष्णु जी का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें |
-
अब प्रभु को पीला चंदन और पीले पुष्प अर्पित करें |
-
मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें |
-
श्री विष्णु चालीसा का पाठ करें |
-
पूरी श्रद्धा के साथ विष्णु जी की आरती करें |
-
तुलसी दल सहित भोग लगाएं |
-
अंत में क्षमा प्रार्थना करें |
हरियाली अमावस्या महत्व – हरियाली अमावस्या के दिन दान और स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है। श्रावण की अमावस्या पर दान करने से पितृ दोष के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। इसके अलावा हरियाली अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान जरूर करना चाहिए। वहीं, इस दिन गाय, कौवे और कुत्ते को भोजन कराने से जीवन के कष्ट दूर हो सकते हैं |
Note : We do not claim that the information given in this article is completely true and accurate. For detailed and more information, please consult an expert in the relevant field.
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
excellent news coverage this website.
good news coverage !