जयपुर (हमारा वतन) राजस्थान में कांग्रेस का संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव को लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट कैंप के बीच शुरू हुआ घमासान थमा हुआ जरूर लग रहा है, लेकिन यह तूफान से पहले की शांति भी हो सकती है। सचिन पायलट जयपुर में गहलोत के समर्थक मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, राजेद्र गुढ़ा समेत कई विधायकों से मुलाकात के बाद दिल्ली लौट चुके हैं। बताया जा रहा है कि वह दुर्गा पूजा के बाद एक बार फिर जयपुर लौटेंगे।
राजनीतिक जानकारों की मानें तो अगले 2-3 दिन राजस्थान कांग्रेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं। पिछले दिनों हाईकमान की मर्जी के मुताबिक विधायक दल की बैठक नहीं होने देने को लेकर तीन नेताओं से मांगे गए जवाब की समयसीमा खत्म होने वाली है। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, मुख्य सचेतक महेश जोसी और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ से अनुशासन समिति ने 10 दिन के भीतर जवाब मांगा था। इसकी मियाद 6 अक्टूबर को पूरी हो रही है।
गुरुवार को ही कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी भी कर्नाटक से दिल्ली लौटने वाली हैं। बताया जा रहा है कि भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी के साथ सोनिया गांधी ने कर्नाटक में राजस्थान को लेकर मंथन की है। धारीवाल, जोशी और राठौड़ के जवाब के बाद हाईकमान के रुख पर नजरें टिकी होंगी। यदि पार्टी नेतृत्व इनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ तो सख्त ऐक्शन भी लिया जा सकता है।
29 सितंबर को सोनिया गांधी ने दिल्ली में पहले गहलोत और फिर पायलट से मुलाकात की थी। गहलोत तब मीडिया के सामने कहा था कि जो हुआ वह गलत था और इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने माफी मांगी है। हालांकि, जयपुर लौटने के बाद गहलोत एक से अधिक बार संकेत दे चुके हैं कि वह राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं हैं। बुधवार को उन्होंने बजट की बात करते हुए भी यह संकेत दिया कि वह सत्ता में कामय रहेंगे। साथ ही यह भी कहा कि विधायक उनके काम से खुश हैं।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
विडियो देखने के लिए – https://www.youtube.com/channel/UCyLYDgEx77MdDrdM8-vq76A
अपने आसपास की खबरों, लेखों और विज्ञापन के लिए संपर्क करें – 9214996258, 7014468512,9929701157.