अयोध्या (हमारा वतन) राम नवमी के मौके पर रामजन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार आयोजित होने जा रहे भव्य श्रीराम जन्मोत्सव की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में प्रभु रामलला के प्रतीकात्मक जन्म के बाद उनके ललाट पर सूर्य की किरणों से सूर्याभिषेक किया जाएगा।धर्म शास्त्रों के अनुसार, भगवान राम का जन्म सूर्यवंश में हुआ था और सूर्यदेव उनके कुलदेवता भी हैं। आज भी पृथ्वी लोक पर सूर्य एकमात्र ऊर्जा का स्रोत है और वे सभी ग्रहों के राजा भी हैं।
रामनवमी पर अयोध्या के कार्यक्रम
रामनवमी को बालकराम के दर्शन के लिए राम मंदिर के कपाट तड़के 3:30 बजे से खुल जाएंगे। दर्शन के साथ ही शृंगार आरती, भोग आदि के कार्यक्रम चलते रहेंगे। इन कार्यक्रमों के लिए चंद मिनटों के लिए बालकराम पर्दे में जाएंगे। राम मंदिर में सुगम दर्शन, आरती व वीआईपी पास पहले ही 19 अप्रैल तक के लिए रद कर दिए गए हैं। वहीं 16, 18 और 19 अप्रैल को बालकराम के दर्शन सुबह 6 बजे से शुरू हो जाएंगे, जो कि रात 11 बजे तक जारी रहेंगे। शयन आरती का समय श्रद्धालुओं की भीड़ के हिसाब से तय किया जाता है। पूरे दिन में चार बार बालकराम को भोग लगाया जाएगा। भोग, शृंगार, वस्त्र बदलने व आरती के दौरान भी दर्शन नहीं रोके जाएंगे। केवल कुछ मिनटों के लिए पर्दा गिरेगा।
रामनवमी पर भगवान राम का सूर्य तिलक
17 अप्रैल को रामनवमी के पावन अवसर पर इस बार हर किसी की निगाह रामलला के विग्रह पर रहेगी। असल में रामनवमी के दिन दोपहर बारह बजे चार मिनट के लिए भगवान के मस्तक पर सूर्य की किरणें पड़ेंगी, इसी को सूर्य तिलक नाम दिया गया है। 75 मिमी का गोलाकार सूर्य से प्रभु श्रीराम का अभिषेक होगा। दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक पर पड़ेंगी। निरंतर चार मिनट तक किरणें रामलला के मुख मंडल को दैदीप्तिमान करेंगी।
यूं पहुंचेगी गर्भगृह तक रोशनी
प्रोजेक्ट सूर्य तिलक में एक गियर बॉक्स, रिफ्लेक्टिव मिरर और लेंस की व्यवस्था इस तरह की गई है कि मंदिर के शिखर के पास तीसरी मंजिल से सूर्य की किरणों को गर्भगृह तक लाया जाएगा। ट्रस्ट के अधिकारियों के अनुसार मंदिर के भूतल पर दो मिरर और एक लेंस लगाए जा चुके हैं। सूर्य की रोशनी तीसरे तल पर लगे दर्पण से तीन लेंस 2 दर्पणों से होते हुए भूतल पर लगाए गए आखिरी दर्पण पर पड़ेगी। इससे परावर्तित होने वाली किरणों से मस्तक पर तिलक बनेगा।