जयपुर (हमारा वतन) सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि ई मित्र संचालकों द्वारा गलत सत्यापन होने के कारण वृद्धजन पेंशनरों का पेंशन से वंचित रह जाना गंभीर मामला है। उन्होंने सदन में आश्वस्त किया कि ऐसे ई-मित्र संचालकों के विरुद्ध जांच कर समुचित कार्रवाई की जाएगी तथा दोषी पाए जाने पर उनका लाइसेंस भी निरस्त किया जाएगा।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि वृद्धजन पेंशनर्स को सही समय पर पेंशन का लाभ देने के लिए विभाग द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है। मोबाइल पर बायोमैट्रिक सत्यापन नहीं हो पाने की स्थिति में संबंधित स्वीकृतिकर्ता अधिकारी के मोबाइल पर ओटीपी उपलब्ध करवाकर पेंशनर का वार्षिक भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र के लिए उपखण्ड अधिकारी तथा ग्रामीण क्षेत्र के लिए खण्ड विकास अधिकारी स्वीकृतिकर्ता अधिकारी है।
गहलोत ने कहा कि पेंशन से वंचित बुजुर्गों के पेंशन संबंधी आक्षेपों की पूर्ति के लिए ग्राम सेवक को प्रत्येक वृद्धजन तक पहुंचने के लिए बीडीओ के माध्यम से निर्देशित किया जाएगा, ताकि कोई भी वृद्धजन पेंशन से वंचित नहीं रहे। इसके अतिरिक्त शारीरिक रूप से अक्षम वृद्धजनों के निवास पर ई-मित्र संचालक को भेजकर भी पेंशन का सत्यापन कराया जा सकता है।
इससे पहले विधायक डॉ. जसवन्त सिंह यादव के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि बहरोड विधानसभा क्षेत्र में विगत तीन वर्षो में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनान्तर्गत कुल 23,068 वृद्धजन पेंशनर्स पात्र पाए गए हैं। इनमें से 22,619 पेंशनरों को पेंशन दी जा रही है तथा 449 पेंशनरों के प्रकरण विभिन्न कारणों से लंबित है। उन्होंने बताया कि पेंशनरों का ई-मित्र द्वारा गलत सत्यापन होने से 21, पेंशनरों की मृत्यु हो जाने के कारण 407, बैंक विवरण गलत होने के कारण 04 एवं वर्ष 2023 में भौतिक सत्यापन नहीं कराने के कारण 17 पेंशनरों के प्रकरण लंबित है।
उन्होंने बताया कि उक्त योजना में पात्र वृद्धजनों के आधारकार्ड से मोबाइल नम्बर नहीं जुड़ने तथा बायोमैट्रिक सत्यापन नहीं होने के कारण योजना से वंचितों को लाभ देने हेतु सरकार द्वारा पेंशन पोर्टल पर एक अतिरिक्त सुविधा उपलब्ध करवाई गई है जिसके द्वारा संबंधित स्वीकृतिकर्ता अधिकारी के मोबाईल पर ओटीपी उपलब्ध करवाकर पेंशनर का वार्षिक भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है।
गहलोत ने विधानसभा क्षेत्र बहरोड में विगत 3 वर्षों में पालनहार योजनान्तर्गत पोर्टल से प्राप्त सूचना के अनुसार कुल पात्र आवेदनों का विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि आवेदक द्वारा योजनान्तर्गत श्रेणीवार निर्धारित दस्तावेज जैसे बच्चों के अध्ययन प्रमाणपत्र, माता/पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र आदि संलग्न नहीं होने के कारण भी प्रकरण लंबित हैं।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि पालनहार योजना के नियम 9 उपनियम 6 के तहत ऐसे आवेदन पत्रों में आक्षेपों की पूर्ति कराने के लिए सिस्टम आधारित मैसेज के माध्यम से पालनहार के रजिस्टर्ड मोबाईल नम्बर पर आक्षेप लगाये जाने के दिनांक से आक्षेप पूर्ति हेतु 30 दिवस, 45 दिवस एवं 60 दिवस में सूचित किया जाता है तथा इसके उपरान्त भी आक्षेप पूर्ति नहीं होने की स्थिति में 30 दिवस का अतिरिक्त समय दिया जाता है। उक्त के अतिरिक्त समय-समय पर जिला अधिकारियों व ब्लॉक सामाजिक सुरक्षा अधिकारियों द्वारा पालनहार से समन्वय स्थापित कर आवेदनों में कमी की पूर्ति कराई जाती है।