कोटा (हमारा वतन) राजस्थान को कोटा शहर में मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे छात्रों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों के बीच अनोखा कदम उठाया गया है। कोटा शहर में तमाम हॉस्टल में छात्रों के कमरे में स्प्रिंड लोडेड पंखे लगवाए जा रहे हैं। कोटा के हॉस्टल एसोसिएशन को विश्वास है कि ऐसा करने से छात्रों की आत्महत्या रोकी जा सकेगी।
हॉस्टल एसोसिएशन (कोटा) के अध्यक्ष ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में शहर में नीट और जेईई परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों की आत्महत्या की बढ़ती संख्या को लेकर हमने यह कदम उठाया है। उन्होंने बताया कि कुछ महीने पहले बेंगलुरु की एक कंपनी ने हमें डेमो दिया था। तात्कालीन उपायुक्त ने भी इसपर सहमति जताई थी। उम्मीद है कि इससे फायदा होगा।
हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि हॉस्टल में स्प्रिंग लोडेड पंखे लगाए जा रहे हैं। सरकार और प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन कराया जा रहा है लेकिन पेइंग गेस्ट या मकानों में यह थोड़ा मुश्किल है। उन्होंने कहा कि कोटा शहर में संचालित पीजी का कोई संगठन नहीं है। वह असंगठित क्षेत्र है और इसलिए वहां गाइडलाइन का पालन करवाना मुश्किल होता है। हालांकि हमारा प्रयास है कि वहां भी छात्रों के कमरों में स्प्रिंग लोडेड पंखे लगाए जाएं ताकि छात्रों की आत्महत्या को रोका जा सके।
गौरतलब है कि बीते 15 अगस्त को कोटा के महावीर नगर इलाके में जेईई की तैयारी कर रहे 18 वर्षीय वाल्मिकि जांगिड़ ने आत्महत्या कर ली थी। कोटा में छात्र-छात्राओं की आत्महत्या का बीते 8 महीने में यह 22वां मामला थ जबकि 1 महीने में यह तीसरा घटना थी। गौरतलब है कि कोटा में 1 अगस्त को नीट की तैयारी कर रहे मनजोत सिंह ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। हालांकि पिता ने हत्या का आरोप लगाया। वहीं 5 अगस्त को बिहार के पश्चिमी चंपारण के रहने वाले 16 वर्षीय भार्गव मिश्रा ने सुसाइड कर लिया।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
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