• ssmg hospital

पशु चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता और भविष्य की संभावनाएं विषय पर हुआ सेमिनार

जयपुर (हमारा वतन) शासन सचिवालय के मुख्य सभागार में पशु चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता और भविष्य में सुधार की संभावनाएं विषय पर सेमिनार का आयोजन हुआ। सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में संभागियों को संबोधित करते हुए शासन सचिव पशुपालन, गोपालन एवं डेयरी डॉ समित शर्मा ने कहा कि सभी वेटरिनरी कॉलेज को उत्कृष्टता का केंद्र बनाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए।

डॉ. शर्मा ने कहा कि पशु चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में हम काफी काम कर रहे हैं परंतु अभी भी सुधार की संभावनाएं हैं। हमें पशु चिकित्सा शिक्षा के संस्थान को देश में अव्वल लाने के लिए प्रयास करने होंगे। ग्रेडिंग के पहले दस स्थानों में राजस्थान के पशु चिकित्सा शिक्षा संस्थानों को लाने के लिए आवश्यक है कि उपलब्ध संसाधनों का उचित उपयोग करें। उन्होंने सभी कॉलेज में विद्यार्थियों को सम्मानपूर्वक डिग्री देने के साथ समारोह का आयोजन करने का सुझाव दिया।

उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के सभी दस्तावेज डिजी लॉकर में रखें, सप्ताह के अंत में पढ़ाए गए विषयों का मूल्यांकन करें, पढ़ाए जाने वाले विषयों की जानकारी विद्यार्थियों को पूर्व में दें, कॉलेज में इनडोर ऑपरेशन करने का प्रयास करें। इन सब प्रयासों से ही आने वाले वर्षों में पशु चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता लाकर हम राज्य के पशु चिकित्सा शिक्षा संस्थानों को देश में सर्वोच्च स्थान पर ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें मिशन मोड के साथ इस प्रयास के लिए जुटना होगा। हमें अब संख्या की बजाय गुणवत्ता पर फोकस करना होगा तभी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

इस अवसर पर राष्ट्रीय पशु चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डॉ. उमेश चंद्र शर्मा ने बतौर विशिष्ट अतिथि कहा कि हमारा काम केवल पशु चिकित्सक तैयार करना नहीं है बल्कि उनके अंदर संवेदनशीलता विकसित करना भी हमारा उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता के लिए पर्याप्त संख्या में शिक्षक होना भी बहुत आवश्यक है। उन्होंने सभी निजी और सरकारी कॉलेजों को 31 मार्च तक फैकल्टी पूरी करने को कहा। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता दिशानिर्देशों की पालना करते हुए सुनिश्चित होनी चाहिए। डॉ शर्मा ने कहा कि जिस तरह से देश में पशुओं पर कई घातक बीमारियां अटैक करती रहती हैं इसके लिए जरूरी है कि डिजीज सर्विलांस सिस्टम को और हाईटेक बनाया जाए। मानव स्वास्थ्य पशु स्वास्थ्य और पर्यावरण तीनों का समन्वय करते हुए वन हेल्थ मिशन चलाया जाए।

सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए राजूवास के उपकुलपति प्रोफेसर मनोज दीक्षित ने कहा कि अपनी कमियों को स्वीकार करने से हमें गुरेज नहीं करना चाहिए बल्कि उन कमियों को दूर करने का प्रयास करते हुए हमें ऊंचाई की तरफ बढ़ना चाहिए। अच्छे और बुरे दोनों स्थितियों में हमें काम करना होगा। समस्याएं भी आएंगी पर उन सबका सामना हम मिलकर करेंगे और निश्चित रूप से हम प्रदेश को देश में सर्वोच्च स्थान दिलाने में कामयाब होंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता के लिए क्षेत्र में काम कर रहे पशु चिकित्सा अधिकारियों और शिक्षा संस्थानों के बीच अच्छा तालमेल होना भी आवश्यक है।
इस अवसर पर निदेशक पशुपालन डॉ. भवानी सिंह राठौड़ ने कहा कि शिक्षा के साथ नवाचारों को भी स्थान देना होगा। उन्होंने कहा कि सभी मिलकर कुशलता के साथ अच्छा आउटपुट देंगे और विभाग को नई ऊंचाईयों तक ले जाएंगे।

सेमिनार में राजस्थान के सभी पशु चिकित्सा महाविद्यालयों के अधिष्ठाताओं ने अपने कॉलेज के कार्यक्रमों और भावी कार्ययोजना की प्रस्तुति दी। सेमिनार का समापन राष्ट्रगीत के साथ हुआ।

रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी 

किसी भी कार्यक्रम को लाइव दिखाने के लिए संपर्क करें – 9214996258,7014468512।

हमसे जुड़ें :-

फेसबुक:- https://www.facebook.com/hamara.watan.750

ट्वीटर:-  https://twitter.com/HamaraWatan3

इंस्टाग्राम:- https://www.instagram.com/hamarawatan65/

यूट्यूब:- https://www.youtube.com/channel/UCyLYDgEx77MdDrdM8-vq76A

जीवन अनमोल है, इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

वीडियो देखने के लिए – https://www.youtube.com/channel/UCyLYDgEx77MdDrdM8-vq76A

आपके आस-पास की खबरें, लेखों और विज्ञापन के लिए संपर्क करें – 9214996258, 7014468512,9929701157

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *