नई दिल्ली (हमारा वतन) भगवान भोलेनाथ की पूजा करने के लिए सावन के महीने को सबसे उत्तम माना जाता है। इस पूरे माह में शिव जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस बार सावन माह को बेहद खास माना जा रहा है, क्योंकि इस साल सावन एक नहीं, बल्कि दो माह का होने वाला है। ये अद्भुत योग करीब 19 साल बाद बन रहा है।
हिंदी विक्रम संवत 2080 में इस साल एक अधिकमास पड़ रहा है। ऐसे में इस साल 12 महीने की बजाय कुल 13 महीने होंगे। वहीं, सावन का महीना 30 नहीं, बल्कि करीब 59 दिन का होने वाला है। यानी इस बार भोलेनाथ के भक्तों को उनकी उपासना करने के लिए 4 के बजाय 8 सोमवार मिलेंगे।
श्रावन मास प्रारंभ तिथि-श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 3 जुलाई को शाम 05 बजकर 08 मिनट पर होगा और इसका अंत 4 जुलाई को दोपहर 02 बजकर 58 मिनट पर हो जाएगा। श्रावण मलमास 18 जुलाई से प्रारम्भ होगा और 16 अगस्त को समाप्त हो जाएगा। 4 जुलाई से शुरू सावन माह का समापन 31 अगस्त को होगा।
पंचांग की गणना सौर मास और चंद्र मास के आधार पर की जाती है। चंद्र मास 354 दिनों का होता है। वहीं सौर मास 365 दिन का। दोनों में करीब 11 दिन का अंतर आता है और तीसरे साल यह अंतर 33 दिन का हो जाता है, जिसे अधिक मास कहा जाता है। ऐसे में इस बार सावन दो महीने तक रहने वाला है। इस साल सावन में भोलेनाथ के साथ जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु भी अपनी कृपा बरसाएंगे। धर्म शास्त्रों के अनुसार अधिक मास के स्वामी भगवान विष्णु हैं।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
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