जयपुर (हमारा वतन) मानव जीवन बचाने के लिए पुलिस महानिदेशक की ओर से एक अहम कदम उठाया गया है। डीजीपी ने जयपुर और जोधपुर के पुलिस आयुक्त, महानिरीक्षक, स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो, जयपुर एवं जोधपुर के पुलिस उपायुक्त के साथ जीआरपी जोधपुर और अजमेर सहित समस्त जिलों के पुलिस अधीक्षकों के लिए विशेष निर्देश जारी किए हैं।
डीजीपी ने सभी पुलिस अधिकारियों से कहा है कि वे फेसबुक और इंस्टाग्राम पेज पर पोस्ट होने वाले वीडियोज और अन्य संदेश पर निगरानी रखें। अगर किसी मैसेज में आत्महत्या जैसी मंशा जाहिर करना प्रतीत हो तो ऐसे सोशल मीडिया अकाउंट को आईपी एड्रेस या आईएमईआई नंबर से तुरंत ट्रेस करें और संबंधित पुलिस को मौके पर भेजे। ऐसा करके मानव जीवन को बचाया जा सकता है।
सोशल मीडिया पर किसी ने सेल्फ हार्म, आत्महत्या करने की मंशा जताई या ऐसा कोई आत्मघाती मैसेज किया तो पुलिस उस संदेश को ट्रैक कर पीड़ित तक पहुंचेगी। ऐसी पोस्ट करने वाले व्यक्ति और उसके परिजनों से समझाइश कर उसका जीवन बचाने का प्रयास करेगी। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य अवसाद या निराशा की स्थिति में आत्मघाती कदम उठाने की मंशा वाले व्यक्तियों तक पहुंचकर अनमोल मानवीय जीवन की रक्षा करना है।
डीजीपी साहू ने बताया कि पुलिस अधिकारियों को फेसबुक/इंस्टाग्राम पर इस प्रकृति के संदेशों के विश्लेषण से उनमें से संदिग्ध स्थितियों वाले प्रकरणों को तत्काल पुलिस मुख्यालय पर जरिए ई मेल सूचित करने के निर्देश दिए गए है। पुलिस मुख्यालय पर स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की ओर संचालित हेल्प डेस्क पर प्राप्त इस ईमेल के आधार पर पीड़ित व्यक्ति के मोबाईल नम्बर, आईपी एड्रेस, नाम और पोस्ट में डाले गए संदेश का पता लगाया जाएगा।
एससीआरबी की ओर से ऐसी जानकारी को तत्काल सम्बंधित थाने के ड्यूटी ऑफिसर के साथ शेयर की जाएगी। इसके बाद सम्बंधित थाने के प्रभारी प्राप्त सूचना के आधार पर त्वरित कार्यवाही करते हुए पीड़ित व्यक्ति तक पहुंचकर मदद का प्रयास करेंगे। थाने के पुलिसकर्मियों द्वारा संवेदनशीलता के साथ पीड़ित एवं उसके परिवारजनों को समझाइश कर अनहोनी को रोकने के प्रयास होंगे।
डीजीपी ने सभी पुलिस अधिकारियों और फील्ड स्टाफ को मानव जीवन को बचाने के इस मिशन में संवेदनशीलता और पर्यवेक्षण कौशल का परिचय देते हुए ठोस और प्रभावी कार्यवाही करने को कहा है। अतिरिक्त महानिदेशक, पुलिस एससीआरबी और साइबर क्राइम ने बताया कि उत्तर प्रदेश (यूपी) में भी पुलिस द्वारा सोशल मीडिया पोस्ट के विश्लेषण से इस प्रकार की अप्रिय घटनाओं को रोकने की कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए यूपी पुलिस द्वारा फेसबुक/इंस्टाग्राम की संचालक कंपनी मेटा के साथ मिलकर कार्य किया जा रहा है।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
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