नई दिल्ली (हमारा वतन) पितृ पक्ष का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। पितृ पक्ष में पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पूजन किया जाता है। पितृ पक्ष में पितरों के प्रति आदर-भाव प्रकट किा जाता है। पितृ पक्ष या श्राद्ध करीब 16 दिनों के होते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से शुरू होते हैं और आश्विन मास की अमावस्या को समापन होता है।
पितृ पक्ष में क्या किया जाता है?
अंतर्राष्ट्रीय भविष्यवक्ता पंडित रविन्द्राचार्य के अनुसार 16 दिनों तक चलने वाले पितृ पक्ष में पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान आदि क्रियाएं की जाती है। पितृ पक्ष में पितरों के श्राद्ध वाले दिन कौआ को भोजन कराने की परंपरा है। मान्यता है कि कौवे के माध्यम से भोजन पितरों तक पहुंच जाता है। मान्यता है कि पितृ पक्ष में पितर कौवे के रूप में पृथ्वी पर आते हैं। इस साल 17 सितंबर 2022 को श्राद्ध की तिथि नहीं पड़ रही है।