नई दिल्ली (हमारा वतन) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मल्टी-ड्रग-रेजिस्टेंट टीबी (MDR-TB) के इलाज के लिए एक नई व अधिक प्रभावी उपचार योजना BPaLM को मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के तहत दी गई है। BPaLM रेजीमेन MDR-TB के इलाज के लिए एक नया ट्रीटमेंट है। इसके इलाज का समय सिर्फ 6 महीने है, जबकि पहले के इलाज का समय 20 महीने तक का होता था।
इस नई चिकित्सा पद्धति में एक नया एंटी-टीबी ड्रग प्रेटोमैनिड (Pretomanid) शामिल है, जिसे बेडाक्विलिन (Bedaquiline) और लाइनोजोलिड (Linezolid) के साथ (मोक्सिफ्लॉक्सासिन के साथ या बिना) मिलाया जाता है। प्रेटोमैनिड को पहले ही भारत में सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) द्वारा मंजूरी और लाइसेंस दिया जा चुका है।
मल्टी-ड्रग-रेजिस्टेंट टीबी के इलाज के लिए जिस नई पद्धति को मंजूरी दी गई है उसमें चार दवाओं का संयोजन शामिल है। BPaLM रेजीमेन की चार-दवाओं का संयोजन पहले की तुलना में अधिक सुरक्षित, प्रभावी और तेजी से परिणाम देने वाला है। पारंपरिक MDR-TB उपचार जहां 20 महीने तक चलता था और इसके गंभीर साइड इफेक्ट्स होते थे, तो वहीं BPaLM रेजीमेन सिर्फ 6 महीने में ड्रग-रेजिस्टेंट टीबी का इलाज कर सकता है और इसकी सफलता दर भी अधिक है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “पारंपरिक MDR-TB इलाज की अवधि लंबी होती थी और इसके गंभीर दुष्प्रभाव होते थे। जबकि BPaLM रेजीमेन में 6 महीने में ही टीबी का इलाज संभव है और इसका उपचार सफलता दर भी उच्च है।” सरकार द्वारा इस नई उपचार योजना को मंजूरी देना भारत की टीबी उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस नई योजना से टीबी के इलाज में तेजी आएगी और रोगियों को कम समय में बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे।
भारत के 75,000 टीबी रोगी अब इस छोटी अवधि के उपचार का लाभ उठा सकेंगे। अन्य लाभों के साथ, लागत में समग्र बचत होगी। सरकारी बयान में कहा गया है, “स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के परामर्श से इस नए टीबी उपचार पद्धति की पुष्टि सुनिश्चित की है, जिसके लिए देश के विषय विशेषज्ञों द्वारा साक्ष्य की गहन समीक्षा की गई है। स्वास्थ्य विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक मूल्यांकन भी करवाया है कि यह एमडीआर-टीबी उपचार विकल्प सुरक्षित और लागत प्रभावी है।” स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, इस कदम से देश के 2025 तक टीबी को समाप्त करने के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
मल्टी-ड्रग-रेजिस्टेंट टीबी (MDR-TB) क्या है :-
मल्टी-ड्रग-रेजिस्टेंट टीबी (MDR-TB) एक प्रकार की तपेदिक (टीबी) है, जिसमें टीबी के सामान्य उपचार के लिए उपयोग की जाने वाली मुख्य दवाओं—आइसोनियाजिड (Isoniazid) और रिफैम्पिसिन (Rifampicin)-का असर कम हो जाता है। इसका मतलब यह है कि MDR-TB के बैक्टीरिया इन दवाओं के प्रति प्रतिरोधी (रेजिस्टेंट) हो जाते हैं, जिससे टीबी का इलाज मुश्किल हो जाता है।
MDR-TB कैसे विकसित होता है :-
MDR-TB तब विकसित होता है जब टीबी के इलाज के दौरान मरीज सही तरीके से दवाओं का सेवन नहीं करता या दवाओं का कोर्स पूरा नहीं करता। इसके अलावा, यदि टीबी का इलाज गलत दवाओं से किया जाता है या दवाओं की गुणवत्ता खराब होती है, तो टीबी के बैक्टीरिया में प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है। MDR-TB का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हवा के माध्यम से भी फैल सकता है, जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता, छींकता या बोलता है।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी