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जयपुर (हमारा वतन) गहलोत सरकार की अहम योजना जन आधार कार्ड बनाने के मामले में सरकार ने अहम फैसला लिया है। इसके तहत राज्य में जन आधार कार्ड बनाने वाले के पास अगर राशन कार्ड नहीं है तो भी उनका आवेदन निरस्त नहीं किया जाएगा। राजस्थान जन आधार प्राधिकरण के महानिदेशक ने एक आदेश जारी कर राज्य के सभी जिलों के कलेक्टर्स को ये निर्देश दिए हैं।
दरअसल, पिछले कुछ समय से ये शिकायतें आ रही थी कि जन आधार कार्ड के आवेदन के दौरान राशन कार्ड की कॉपी अपलोड नहीं करने पर आवेदक का आवेदन निरस्त किया जा रहा था। आवेदन निरस्त करने से उक्त आवेदक को मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना सहित सरकार के तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा था।
लगातार मिल रही इन शिकायतों को देखते हुए सरकार ने जनआधार में राशन की अनिवार्यता को समाप्त करने का निर्णय किया है। साथ ही राजस्थान जन आधार प्राधिकरण की ओर से आज एक आदेश जारी करते हुए सभी कलेक्टर्स को ये निर्देश दिए कि उनके यहां जन आधार के लिए आने वाले आवेदन में अगर राशन कार्ड की कॉपी नहीं भी है तो भी उसे मंजूरी दे।
आवेदन के साथ ये दस्तावेज जरूरी
- परिवार के मुखिया का बैंक खाते का विवरण
- मुखिया व एक अन्य सदस्य के आधार कार्ड की कॉपी या उसके पंजीयन की रसीद
- परिवार के सदस्यों के अलग-अलग फोटो।
क्या है जनआधार कार्ड
देश में जिस तरह यूनीक आईडी की तरह हर व्यक्ति का आधार कार्ड होता है। ठीक उसी तरह राजस्थान के मूल निवासियों या यहां 10 साल से ज्यादा समय तक रहने वाले परिवारों के लिए यह राज्य की यूनीक आईडी है। यह कार्ड व्यक्तिगत न बनकर पूरे परिवार का एक साथ बनता है। इसी कार्ड के जरिए राज्य की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ राज्य के लोगों को मिलता है। पिछली सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समय यह कार्ड भामाशाह के नाम से जाना जाता था, जिसका नाम गहलोत सरकार ने बदलकर जन आधार कर दिया।