नई दिल्ली (हमारा वतन) पितृपक्ष का समापन 25 सितंबर को होगा। इसके अगले दिन नवरात्र शुरू हो जायेगा। तारा ज्योतिष साधना केंद्र के अध्यक्ष व अंतरराष्ट्रीय भविष्यवक्ता पंडित रविंद्र आचार्य ने बताया कि इस नवरात्र में दस दिनों तक मां दुर्गा की पूजा-अर्चना होगी। नवरात्र 26 सितंबर से शुरू हो रहा है और पांच अक्टूबर को विजयादशमी है। उन्होंने बताया कि अष्टमी का व्रत तीन अक्टूबर को, महानवमी चार अक्टूबर को होगी।
नवरात्रि का पूरा कैलेंडर-
पहला दिन – 26 सितंबर- मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है
दूसरा दिन – 27 सितंबर -मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है
तीसरा दिन – 28 सितंबर – मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है
चौथा दिन -29 सितंबर-मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है
पांचवा दिन -30 सितंबर- मां स्कंदमाता की पूजा
छठां दिन – 1 अक्टूबर- मां कात्यायनी की पूजा
सातवां दिन -2 अक्टूबर- मां कालरात्रि की पूजा
आठवां दिन -3 अक्टूबर- मां महागौरी पूजा
नौंवा दिन – 4 अक्टूबर- मां सिद्धिदात्री की पूजा
पूजा-विधि –
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सुबह उठकर जल्गी स्नान कर लें, फिर पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें।
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घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
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मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें।
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मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।
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धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें।
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मां को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।