नई दिल्ली (हमारा वतन) नवरात्रि का समापन नवमी तिथि से होता है। इस साल शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि 4 अक्टूबर, मंगलवार को है। नवरात्रि के नवम दिन मां दुर्गा के स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं और उन्हें यश, बल और धन भी प्रदान करती हैं।
शास्त्रों में मां सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी माना जाता है। मां सिद्धिदात्री महालक्ष्मी के समान कमल पर विराजमान हैं। मां के चार हाथ हैं। मां ने हाथों में शंख, गदा, कमल का फूल और च्रक धारण किया है। मां सिद्धिदात्री को माता सरस्वती का रूप भी मानते हैं। नवमी तिथि पर कन्या पूजन भी किया जाता है। अगर आप भी नवमी पर कन्या पूजन करने जा रहे हैं तो जान लें शुभ मुहूर्त व अन्य खास बातें-
पूजा- विधि –
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सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
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मां की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं।
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स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें।
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मां को रोली कुमकुम भी लगाएं।
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मां को मिष्ठान और पांच प्रकार के फलों का भोग लगाएं।
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मां स्कंदमाता का अधिक से अधिक ध्यान करें।
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मां की आरती अवश्य करें।
नवमी के दिन बन रहे ये शुभ मुहूर्त –
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ब्रह्म मुहूर्त- 04:38 AM से 05:27 AM।
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अभिजित मुहूर्त- 11:46 AM से 12:33 PM।
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विजय मुहूर्त- 02:08 PM से 02:55 PM।
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गोधूलि मुहूर्त- 05:52 PM से 06:16 PM।
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अमृत काल- 04:52 PM से 06:22 PM।
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रवि योग- पूरे दिन।