जयपुर (हमारा वतन) लोकसभा चुनाव-2024 में पेड न्यूज पर प्रभावी निगरानी एवं राजनैतिक विज्ञापनों के अधिप्रमाणन के लिए जिला स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है।
मीडिया प्रकोष्ठ प्रभारी सुरेश कुमार नवल ने बताया कि जिला स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, केबल/मोबाइल नेटवर्क तथा सभी प्रकार के संप्रेषण साधनों पर विज्ञापन, समाचार, संदेश, चर्चा व साक्षात्कार की जांच सहित पेड न्यूज पर विशेष निगरानी रखेगी। भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार किसी भी प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित-प्रसारित समाचार या विश्लेषण, जिसका मूल्य नगद या वस्तु में दिया गया हो तो उसे पेड न्यूज के रूप में संदिग्ध मानकर समिति के समक्ष रखा जाएगा।
क्या है पेड न्यूज :-
समाचार का उद्देश्य सूचना प्रदान करना एवं विज्ञापन का उद्देश्य बढ़ावा देना या प्रोन्नत करना है। समाचार निष्पक्ष होता है जबकि विज्ञापन का मूल्य होता है। जिले में मतदाताओं पर गलत तरीके से प्रभाव डालना, उन्हें भ्रमित करना, सोचने के अधिकार और चुनाव व्यय पर प्रभाव डालना, इस आशय से समाचारों को पेड न्यूज माना जाएगा। इसमें एक ही लेख, फोटो, हैडलाइन यदि अलग-अलग प्रकाशनों में छपती है या भिन्न लेखक के नाम से या थोड़े से भिन्न वाक्य के साथ किसी विशेष समाचार पत्र में प्रत्याशियों के प्रशंसात्मक लेख प्रकाशित होते हैं या विशेष प्रत्याशी की अत्यधिक प्रशंसा एवं जीत की संभावना, किसी एक की अन्य प्रत्याशियों की तुलना में अधिक कवरेज हो तो इसको भी पेड न्यूज की श्रेणी में माना जाएगा।
इसमें मीडिया प्रकोष्ठ, व्यय पर्यवेक्षक, मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा किसी भी शिकायत के आधार पर एवं स्वप्रेरणा से संदिग्ध पेड न्यूज के प्रकरण प्राप्त होंगे। उन पर विश्लेषण और आगामी निर्णय एमसीएमसी कमेटी द्वारा किया जाकर निर्धारित कार्यवाही की जाएगी।
पेड न्यूज पर कार्यवाही :-
नवल ने बताया कि संदेहास्पद एवं संदिग्ध पेड न्यूज पर निगरानी के लिए जिला सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय में राउंड द क्लॉक निगरानी तंत्र स्थापित है। यहां प्रकाशित-प्रसारित समाचारों का विश्लेषण किया जा रहा है। समिति द्वारा संदिग्ध पेड न्यूज मानी जाने पर आरओ के माध्यम से सम्बंधित प्रत्याशी को 96 घंटे के भीतर नोटिस जारी होगा। प्रत्याशी को 48 घंटे के भीतर उक्त मामले में जवाब प्रस्तुत करना होगा। इसकी अपील राज्य स्तर पर एमसीएमसी को 48 घंटे में और राज्य स्तरीय एमसीएमसी की अपील भारत चुनाव आयोग को 48 घंटे के भीतर की जा सकती है।
इसमें नामांकन की तिथि से पेड न्यूज निर्धारित की जाएगी। पेड न्यूज की लागत डीएवीपी या डीआईपीआर में से जो न्यूनतम हो, से ज्ञात की जाएगी। डीएवीपी दर नहीं होने पर डीपीआर दर से पेड न्यूज की लागत निर्धारित होगी।