कोटा (हमारा वतन) शिक्षा नगरी कोटा राजस्थान के राधा माधव मंदिर, ए ब्लॉक, रिद्धि सिद्धि नगर (कुन्हाड़ी) में चल रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान गंगा यज्ञ के चतुर्थ दिन कथा व्यास प्रमोद शास्त्री महाराज ने श्री कृष्ण जन्म की कथा सुनाई तो श्रोता भाव विभोर हो गए। कथा पांडाल को भव्य रूप से सजाया गया।
महाराज ने कहा कि जब जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती असुर बढ़ जाते हैं अभिमानी बढ़ जाते हैं उनके अत्याचार से सज्जन दुखी हो जाते हैं तब तब भगवान सज्जनों के कल्याण के लिए धर्म की स्थापना करने के लिए अवतरित होते हैं। महाराज ने श्री कृष्ण जन्म के प्रसंग व जन्म लेने के गूढ़ रहस्यों को बेहद संजीदगी के साथ सुनाया।
कथा प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी तो भगवान को श्री कृष्ण के रूप में अवतार लेना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला को वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्री कृष्ण गोकुल पहुँच गए।
चौथे दिन की कथा के अंतिम दौर में श्री कृष्ण भगवान के जन्म की सजीव झांकी के माध्यम से वासुदेव द्वारा श्री कृष्ण को पालने में बैठकर यमुना पार ले जाने के दृश्य को जीवंत कर दिया। इस दौरान महिलाएं अत्यंत हर्ष के साथ भाव विभोर हुए नृत्य कर बधाई के भजन पर नृत्य करने लगी। कथा के दौरान कोटा रामगंजमंडी भवानीमंडी जुल्मी सहित कई जगह से सैंकड़ों भक्तजन कोटा पधारे।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
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