जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
सीकर (हमारा वतन) राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी घमासान लगातार जारी है। सीकर के खंडेला से कांग्रेस के बागी और निर्दलीय विधायक महादेवसिंह भी गहलोत के पक्ष में सामने आए हैं। उन्होंने साफ कहा कि गहलोत ही कांग्रेस और कांग्रेस ही गहलोत है। उनकी आस्था कांग्रेस और अशोक गहलोत में है। गहलोत के अलावा कोई और सीएम बन ही नहीं सकता।
एमएलए महादेवसिंह सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उनका कहना है कि खंडेला में लोग उन्हें ही कांग्रेस मानते है। वैसे ही राजस्थान में कांग्रेस सिर्फ अशोक गहलोत ही है। खंडेला ने कहा कि कांग्रेस मेरी मां है। 1978 में पहली दफा गांव का सरपंच बना। इसके बाद 1979 में इंदिरा गांधी को जेल भेज दिया था। उस समय समर्थन में जेल गया था। जिसका सर्टिफिकेट दिखाते हुए कहा कि 1980 में ही कांग्रेस विधायक बनने का मौका मिला। 1985 में फिर से विधायक बना। इसके बाद चुनाव हार गया। बाबरी मस्जिद के कारण मध्यावधि चुनाव हुए। उसमें मेरा टिकट काट लिया, लेकिन स्थानीय लोगों ने मुझे ही कांग्रेस मानते हुए निर्दलीय जिताया।
खंडेला का कहना है कि उस समय हम दस उम्मीदवार थे। सबसे अधिक अकेले को 52 हजार वोट मिले। 22 विधायकों में से 17 विधायक भाजपा के समर्थन में चले गए। उन्हें मंत्री बनाया गया था। उस समय भी हम 5 एमएलए भाजपा में नहीं गए। पार्टी ने 2003 में टिकट दिया चुनाव जीता। 2008 में टिकट दिया फिर हार गया। हारे हुए को पांच महीने के अंदर ही सीकर से लोकसभा से चुनाव लड़ाया। महादेव सिंह को केंद्र में मनमोहन सरकार में मंत्री बनाया। 2013 में सांसद का टिकट नहीं दिया, कोई नाराजगी नहीं, एमएलए का टिकट नहीं दिया कोई नाराजगी नहीं है। खंडेला की जनता मुझे ही कांग्रेस मानती है। महादेवसिंह ने अपने कार्यकालों में हुए विकास कार्य को गिनवाया।
सीएम गहलोत पर पूरा विश्वास है। गांधी परिवार का उन पर विश्वास है। खंडेला के विकास के लिए उनसे मांगा उन्होंने वो दिया। मैंने कभी मंत्री पद के लिए मंशा नहीं रखी।
पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ने पर महादेव सिंह ने कहा कि मैंने बगावत नहीं की, खंडेला की जनता मुझे ही कांग्रेस मानती है। उन्होंने कहा कि आप कैंडीडेट को समर्थन मत करो आप तो चुनाव लड़ो। उनकी बात मानकर ही मैंने चुनाव लड़ा। जब सवाल किया गया तो कि जनता ही कहें कि आप पायलट का समर्थन करो तो तुूरंत ही बोले मेरी मर्जी होगी वो करूंगा, जनता कौन होती है ऐसा कहने के लिए।