प्रयागराज (हमारा वतन) महाकुम्भ में खादी की बिक्री ने एक नए रिकॉर्ड को छू रही है। महाकुम्भ में खादी ने 17.57 करोड़ की कमाई की है, जो कि इसकी लोकप्रियता और इसके उत्पादों की गुणवत्ता को दर्शाता है। यह कमाई महज 33 दिन के मेले में अलग-अलग उत्पादों की बिक्री से हुई है। खादी प्रदर्शनी में 21 राज्यों के उत्पाद लगाए गए थे, जिनमें नागालैंड की मूंगा और एंडी विशेष आकर्षण का केंद्र बने हैं।
मेला क्षेत्र के सेक्टर परेड मैदान में खादी उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई है। इसमें 12 जनवरी से गुरुवार (13 फरवरी) तक उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से लगाई गई मंडल स्तरीय खादी और ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में 12 करोड़ 34 लाख 577 रुपये की बिक्री हुई है। वहीं, खादी और ग्रामोद्योग आयोग की ओर से लगाए गए खादी उत्सव में पांच करोड़ 23 लाख रुपये की बिक्री हुई है। यानि अब तक 17.57 करोड़ रुपये के खादी उत्पाद बिक चुके हैं।
खादी उत्सव में 21 राज्यों ने लिया हिस्सा :-
खादी और ग्रामोद्योग आयोग की प्रदर्शनी ‘खादी उत्सव में 21 राज्यों के खादी इकाइयों ने भाग लिया हैं। जिसमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, असोम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, जम्मू कश्मीर समेत विभिन्न राज्यों के 71 खादी और 54 ग्रामोद्योग के उत्पादों के स्टाल लगाए गए हैं। स्टालों पर एंडी और मूंगा सिल्क, सूती खादी, सिल्क साड़ी, और ऊलेन कपड़ों की बिक्री अधिक हो रही। नागालैंड स्टॉल के दिनेश कुमार चौधरी ने बताया कि नागालैंड की मशहूर मूंगा सिल्क के बने उत्पाद देश के कोने-कोने में पहने जाते हैं। महाकुम्भ में आए अखाड़ों के बाबाओं ने मूंगा सिल्क की भगवा साल और कपड़े भी खूब पसंद किया।
लुभा रहा गन्ने का सोठ व खजूर का गुड़ :-
श्रीगांधी आश्रम लखनऊ के स्टाल के रामशिव यादव ने बताया कि मंडलस्तरीय खादी एवं ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में बंगाल मटका सिल्क, एंडी व असम की मूंगा सिल्क, खजूर का गुड़, गन्ने का सोठ गुड़, शहद, केसर अष्टगंधन, गुगल चन्दन धूप, अगरत्ती खरीद कर ले जा रहे हैं। इसके अलावा प्रदर्शनी में केसर अष्टगंध चंदन श्रद्धालु खूब खरीदकर ले जा रहे हैं।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी