जयपुर (हमारा वतन) प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण और चिकित्सा तंत्र को पूरी तरह ऑनलाइन करने के लिए इन्टीग्रेटेड हैल्थ मैनेजमेंट सिस्टम 2.0 लागू किया जाएगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि आमजन को सुगमतापूर्वक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की दृष्टि से यह एक महत्वाकांक्षी एवं विजनरी प्रोजेक्ट है।
सिंह बुधवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में इन्टीग्रेटेड हैल्थ मैनेजमेंट सिस्टम 2.0 विकसित करने के संबंध में समीक्षा कर रही थी। उन्होंने कहा कि यह एक अत्याधुनिक हैल्थ मैनेजमेंट सिस्टम होगा, जिससे प्रदेश के चिकित्सा तंत्र में सकारात्मक क्रांतिकारी बदलाव आएगा। आमजन, चिकित्सकों एवं प्रशासन तीनों के लिए ही यह बेहद लाभकारी होगा और चिकित्सा सुविधाओं को लेकर आने वाली चुनौतियों को दूर करेगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्रदेश के चिकित्सा तंत्र को मजबूत बनाने वाले इस प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द तैयार किया जाए। इसके लिए संबंधित विभाग एवं एजेंसियां पूर्ण समन्वय के साथ काम करें। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट की साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी।
बैठक में बताया गया कि इस सिस्टम के तहत इलेक्ट्रॉनिक हैल्थ रिकॉर्ड, डिजी हैल्थ लॉकर, मरीजों को कतारों से मुक्ति, यूनीफाइड डिजीटल सर्वे, केपीआई आधारित डैशबोर्ड, स्वास्थ्य संबंधी लाइसेंस एवं एनओसी आदि के लिए सिंगल विंडो सिस्टम, टेली आईसीयू, जीओ टेगिंग आधारित चिकित्सालय का मैप जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे ज्यादातर स्वास्थ्य सेवाएं ऑनलाइन होंगी और मरीजों को उपचार लेने में आसानी होगी।
बैठक में शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी आरती डोगरा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, आयुक्त सूचना प्रौद्योगिकी इन्द्रजीत सिंह, चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान, आरएमएससीएल की प्रबंध निदेशक नेहा गिरि, राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी के सहायक मुख्य कार्यकारी अधिकारी मयंक मनीष, अतिरिक्त मिशन निदेशक एनएचएम अरूण गर्ग, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे ।