नई दिल्ली (हमारा वतन) हर इंसान के जीवन में कुछ अच्छी और कुछ बुरी बातें होती हैं। लेकिन कई बार लोग उन बुरी बातों को ही याद करते हैं और दुखी होते हैं। जिसकी वजह से वर्तमान जिंदगी पर गहरा असर पड़ता है। कई बार ये बुरी यादें फोबिया और पोस्ट ट्रामेटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर में बदल जाती हैं। लेकिन इंसान के दिमाग की खासियत है कि वो बुरी यादों को निकालना चाहता है। इसके लिए वो हर तरीका अपना सकता है। बस थोड़ी सी इच्छाशक्ति की जरुरत होती है। कई सारी स्टडी में पता चला है कि इंसान के लिए उन बुरी यादों को भुलाना पॉसिबल है।
मेमोरी को एक्सेप्ट करें – अपनी मेमोरी को एक्सेप्ट करें क्यों किये कभी बदली नहीं जा सकतीं। अपने साथ हुए बुरे घटनाक्रम को भुलाने के लिए जरूरी है कि उसे एक्सेप्ट करें और खुद को समझाएं कि अब आगे की लाइफ के बारे में सोचना है।
उन चीजों को अवॉइड करें – अगर किसी खास जगह या इंसान को देखकर बुरी याद फिर से ताजा हो जाती है तो उन सबको कुछ दिनों के लिए अवॉइड करें। जब तक कि वो यादें धुंधली ना हो जाएं।
अच्छी बातों के बारे में सोचें – बुरी यादे समय के साथ भूली जा सकती है। आप अपने अच्छे बीते कल को याद करने की कोशिश करें। जिससे आपको खुशी मिलेगी और बुरा एहसास भूलने में मदद।
खुद को रखें बिजी – अगर हमेशा आपको अपने साथ हुआ बुरा पल याद आता है तो उससे निकलने के लिए जरूरी है कि खुद को कहीं व्यस्त रखें। लोगों के बीच या काम से खुद को इतना बिजी कर लें कि सोचने का वक्त ना मिले।
वॉक करें – वॉक करने से दिमाग से ऐसे केमिकल निकलते हैं जो मूड को ठीक करने में मदद करते हैं। ऐसे में जब भी बुरी यादें दिमाग में आएं तो वॉक पर निकल जाएं। ऐसा करने से बुरा वक्त बीतने में समय नहीं लगता।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
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