(हमारा वतन) आज प्रत्येक व्यक्ति “इंटरनेट” शब्द से परिचित हैं और इसका प्रयोग भी दैनिक लेन देन, ज्ञान अर्जन में करता है । आज लोग अपने कार्यो को जैसे – पैसों का लेनदेन, ऑनलाइन एडमिशन, ऑनलाइन टिकट बुक, कोरोना काल में वर्क फ्रोम होम, शिक्षा के लिए ओनलाइन कक्षाएं एवं वेबिनार का चलन बढा है । इंटरनेट के माध्यम से बहुत काम सरलता से पूरे हो जाते हैं।
इस इंटरनेट के बढ़ते प्रयोग के साथ-साथ इंटरनेट अपराध का भी तेजी से विकास हुआ है। इंटरनेट के द्वारा ऑनलाइन डाटा का आदान प्रदान किया जाता है और इस डाटा को कुछ लोग बिना इजाजत के चुरा लेते हैं। जिन्हें साइबर क्रिमिनल या साइबर अपराधी के नाम से भी जाना जाता हैं। इंटरनेट पर हो रहे अपराधों या हमलो को “साइबर हमला” कहा जाता है।
इंटरनेट पर साइबर क्राइम बहुत ज्यादा बढ़ चुका है। जो सभी इंटरनेट उपयोगकर्ता के लिए बहुत हानिकारक है। साइबर क्रिमिनल की गलत गतिविधियों से बचने के लिए “साइबर सिक्योरिटी” को बनाया गया है| साइबर सिक्योरिटी एक प्रकार की सुरक्षा होती है,जिसका कार्य इंटरनेट से जुड़े डिजिटल डिवाइस के डाटा को सुरक्षा प्रदान करना होता है। साइबर सुरक्षा द्वारा इंटरनेट पर हो रही गलत गतिविधियों को रोका जाता है। जिसे इंटरनेट उपयोगकर्ता को अपने डाटा की हानि ना हो पाए। यह सुरक्षा कंप्यूटर, सर्वर, मोबाइल और नेटवर्क को इंटरनेट पर हो रहे साइबर हमलो से बचाता है।
साइबर सुरक्षा को “इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी” और “टेक्नोलॉजी सिक्योरिटी” नामों से भी जाना जाता है। साइबर सिक्योरिटी दो शब्दों से मिलकर बना है। जिसमें पहला शब्द “साइबर” जो इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी व कंप्यूटर को दर्शाता है। वही दूसरा शब्द “सिक्योरिटी” जो सुरक्षा से संबंधित है। यह इंटरनेट सिक्योरिटी, इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी को दर्शाता है। यह दोनों शब्द मिलकर साइबर सिक्योरिटी कहलाता है। जो इंटरनेट सुरक्षा से जुड़ा है।
इंटरनेट पर अनेकों प्रकार के साइबर अपराध किये जाते है। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस व सॉफ्टवेयर की सहायता से हैकर किसी कंप्यूटर सिस्टम में प्रवेश कर लेते हैं और वह उपयोगकर्ता की इजाजत के बिना उनकी सभी जरूरी फाइल तथा डाटा को चुरा लेते हैं। हैकर पैसे या जानकारी प्राप्त करने के लिए यह कार्य करते है। इस प्रकार के हैकर को अनइथिकल हैकर कहा जाता है।
साइबर सिक्योरिटी का मुख्य कार्य इंटरनेट पर साइबर हमलों को रोकना होता है। यह सुरक्षा एक जाल की तरह होती है। जो अनेक सुरक्षा पर्तो की सहायता से कंप्यूटर व नेटवर्क की रक्षा करती है। डाटा सुरक्षा एक्ट 2018 के अनुसार सॉफ्टवेयर निर्माता कंपनी को भी साइबर सुरक्षा का ध्यान रखना जरूरी है। इसलिए सॉफ्टवेयर को ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए उन्हें समय पर अपडेट करते रहना होता है।
साइबर सुरक्षा एक इंटरनेट सुरक्षा होती है। जो इंटरनेट उपयोगकर्ता के सिस्टम को डाटा सुरक्षा प्रदान करता है। यह किसी कंप्यूटर सिस्टम को अन अधिकारी एक्सेस व डाटा थेफ्ट से बचाता है। यह उपयोगकर्ता के डाटा को गोपनीयता प्रदानकरता है। इसलिए इसे “इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी” नाम से भी जाना जाता है।
फिशिंग एक साइबर हमला होता है। इस प्रकार के हमलो में साइबर क्रिमिनल एक असली लगने वाले नकली वेब पेज को बनाते है। इस वेब पेज को ईमेल व लिंक की सहायता से शेयर किया जाता है। अगर गलती से कोई व्यक्ति इस लिंक पर क्लिक करे। तो क्रिमिनल उस वेब पेज की सहायता से कुछ निजी जानकारियाँ चुरा लेता है। जैसे – क्रेडिट कार्ड डिटेल व कोई अकाउंट डिटेल इत्यादि।
प्रत्येक कंपनी अपना व अपने कस्टमर की डाटा को सुरक्षित करने के लिए डाटा सिक्योरिटी सिस्टम का प्रयोग करते हैं। इस सुरक्षा में किसी डाटा को सुरक्षित किया जाता है। जिसे डेटा की चोरी ना हो सके।
डाटाबेस और सर्वर सुरक्षा :-
आज ऑनलाइन उपस्थित हर प्रकार का डाटा किसी ना किसी डेटाबेस में स्टोर होता है और इस डेटाबेस को सुरक्षा प्रदान करने के लिए डेटाबेस और सर्वर सिक्योरिटी का प्रयोग किया जाता है। क्योंकि किसी डेटाबेस में एक समय में अनेक व्यक्तियों व संस्थाओं का डाटा स्टोर होता है। जिसके चोरी हो जाने पर भारी नुकसान हो सकता है।
पासवर्ड सुरक्षा :-
साइबर सुरक्षा में पासवर्ड सिक्योरिटी का प्रयोग बहुत अधिक किया जाता है। आज रोजाना अनेक अकाउंट इंटरनेट पर बनाए जाते हैं। जिन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक पासवर्ड का प्रयोग किया जाता है। इस सही पासवर्ड की सहायता से ही किसी अकाउंट को खोला जा सकता है।
लेख संग्रह – उदयवीर सिंह यादव (भूतपूर्व सैनिक)
नोट :- ये लेखक के अपने विचार हैं |
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
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