जयपुर (हमारा वतन) केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गोबरधन योजना के अन्तर्गत आ रहे क्रान्तिकारी बदलाव को रेखांकित करते हुए राजस्थान में डेयरी विकास कार्यकम की सराहना की है। उन्होंने भीलवाड़ा मे लागू की जा रही गोबरधन योजना के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि गोबर उठाने वाली महिलाऐं अब कार्बन क्रेडिट जमा कर अतिरिक्त आय पैदा कर रही हैं और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा दे रही हैं। उन्होंने कहा कि देश में कार्बन क्रेडिट के मुद्रीकरण के लिये डेयरी क्षेत्र में प्रथम बार की गई इस प्रकार की पहल दुग्ध उत्पादकों के लिये अतिरिक्त आय सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने कहा कि गोबरधन योजना के अन्तर्गत दुग्ध उत्पादको को चूल्हे के लिये गैस, खेत के लिये खाद और कार्बन क्रेडिट के रूप में अतिरिक्त आय मिल रही है। अमित शाह ने गुजरात के आणंद में एनडीडीबी के टी.के. पटेल सभागार में एनडीडीबी के हीरक जयन्ती वर्ष और त्रिभुवन दास पटेल की जयन्ती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में यह सम्बोधन दिया।
इस अवसर पर उन्होंने राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन की प्रबन्ध संचालक श्रुति भारद्वाज और भीलवाड़ा की दुग्ध उत्पादक लाभार्थी माया देवी कुमावत को कार्बन क्रेडिट का चैक भेंट किया। आरसीडीएफ की एमडी भारद्वाज ने इस अवसर पर राजस्थान राज्य के लाखों दुग्ध उत्पादकों की ओर से शाह को जन्मदिन की बधाई दी और उनकी अच्छी सेहत की कामना भी की।
इस अवसर पर केन्द्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह, केन्द्रीय पशुपालन राज्यमंत्री डॉ.एस.पी. सिंह बघेल, गुजरात के पशुपालन एवं गोपालन मंत्री राघव भाई पटेल, सहकारिता राज्यमंत्री जगदीश विश्वकर्मा, केन्द्रीय पशुपालन एवं डेयरी सचिव अलका उपाध्याय और एनडीडीबी के चैयरमेन डॉ.मीनेश शाह भी उपस्थित थे।
फैडरेशन की प्रबन्ध संचालक श्रुति भारद्वाज ने बताया कि एनडीडीबी के सहयोग से भीलवाड़ा दुग्ध में पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से छोटी क्षमता के बॉयोगेस संयंत्र लगवाये गये है। इन बायोगैस संयंत्रों के माध्यम से दुग्ध उत्पादकों की रसोई गैस की जरुरत के साथ-साथ खेतों के लिये उच्च गुणवत्ता का जैविक खाद भी उपलब्ध हो जाता है। अब इससे एक कदम और आगे बढ़कर बायोगैस प्लान्टों के माध्यम से मिथेन उत्सर्जन द्वारा कार्बन क्रेडिट्स अर्जित किये जा सकते हैं जिसकी अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में अच्छी कीमत मिलती है। इसी कार्बन क्रेडिट के ऐवज में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री द्वारा भीलवाड़ा के दुग्ध उत्पादकों को पहली किस्त दी गई है।
उन्होंने कहा कि राईजिंग राजस्थान के दौरान भी आरसीडीएफ द्वारा एनडीडीबी और सुजुकी आर एण्ड डी सेंटर इण्डिया के बीच एक कम्प्रेस्ट बायोगैस संयंत्र स्थापित करने के लिये साझेदारी की जावेगी जो सतत उर्जा को की आपूर्ति बढ़ायेगा। उन्होंने कहा कि राज्यभर में 10 हजार से अधिक फलैक्सी बायोगैस संयंत्र लगाकर दुग्ध उत्पादकों की अतिरिक्त आय सुनिश्चित की जावेगी। भारद्वाज ने केन्द्रीय गृह मंत्री द्वारा दिये गये सम्मान को राजस्थान राज्य के सभी दुग्ध उत्पादकों को समर्पित कर आश्वस्त किया है कि दुग्ध उत्पादकों की सामाजिक एवं आर्थिक समृद्धि के लिये आरसीडीएफ कृत संकल्प है।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी