नई दिल्ली (हमारा वतन) अगर आप Google Chrome OS इस्तेमाल करते हैं तो सतर्क होने की जरूरत है। सरकार की ओर से क्रोम ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर्स के लिए ‘हाई’ लेवल सुरक्षा अलर्ट जारी किया गया है। सरकारी नोडल एजेंसी कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) की ओर से यह सुरक्षा अलर्ट जारी हुआ है।
सरकारी एजेंसी पहले भी खामियों और साइबर सुरक्षा से जुड़े खतरों के चलते अलग-अलग सेवाओं से जुड़ी चेतावनी देती रही है और अब इसने गूगल क्रोम OS में मौजूद खामियों की जानकारी दी है। इन खामियों से जुड़े सुरक्षा अलर्ट में कहा गया है कि इन खामियों के चलते यूजर्स पर साइबर सुरक्षा का खतरा है।
इन सॉफ्टवेयर वर्जन वाले यूजर्स पर खतरा – जारी किए गए अलर्ट में बताया गया है कि मैक और लाइनक्स पर 108.0.5359.71 से पुराने क्रोम OS स्टेबल चैनल वर्जन यूजर्स को खतरा है। इसी तरह विंडोज पर 108.0.5359.71/72 से पुराना क्रोमOS स्टेबल चैनल वर्जन इस्तेमाल करने वाले यूजर्स पर खतरा है। इन यूजर्स को फौरन सॉफ्टवेयर वर्जन अपडेट कर लेना चाहिए।
हैकर्स को मिल सकता है खामियों का फायदा – CERT-In के सुरक्षा अलर्ट में बताया गया है कि गूगल की ओर से डिजाइन किए गए ऑपरेटिंग सिस्टम में कई खामियां मौजूद होने का पता चला है। इन खामियों का फायदा हैकर्स को मिल सकता है और वे रिमोट अटैक्स कर सकते हैं। यानी कि वे बिना डिवाइस के फिजिकल ऐक्सेस के दूर बैठकर ही यूजर्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
इस तरह पहुंचाया जा सकता है नुकसान – हैकर्स खामियों के चलते यूजर्स को फंसाकर खास तौर से डिजाइन की गईं वेबसाइट्स पर रीडायरेक्ट कर सकते हैं। यहां सफल रहने पर विक्टिम के डिवाइस में सेंध लगाते हुए हैकर्स उसके सिस्टम को पूरी तरह लॉक कर सकते हैं या अलग-अलग तरीकों से उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
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