चौमूं / जयपुर (हमारा वतन) शहर के राधाबाग स्थित गायत्री प्रज्ञा पीठ संस्थान पर गायत्री परिवार की ओर से गुप्ता परिवार में विवाह संस्कार कार्यक्रम सम्पन्न कराया गया। जिस हेतु वर पक्ष और वधू पक्ष के परिजनों ने इस विवाह में व्यर्थ के खर्च का बचाव करते हुए सरल तरीके से विवाह करने का निर्णय लिया।
गायत्री परिवार ट्रस्ट सचिव राजकुमार शर्मा ने बताया कि विवाह संस्कार पूरे विधि – विधान से संपन्न कराया गया। एक समय था जिस समय विदेशी आक्रांताओं से बचाने के लिए बेटियों के विवाह रात के समय कर दिए जाते थे लेकिन वर्तमान में यह एक व्यर्थ की परंपरा बन चुकी है। इसलिए गायत्री परिवार द्वारा यह विवाह दिन के समय में करवाया गया । साथ ही मिशन की गतिविधियों और रचनात्मक कार्यों से दोनों पक्षों को अवगत करवाया गया। वर पक्ष ने भी बिना दहेज के ही शादी करने को स्वीकार किया ।
वहीं ट्रस्ट उपाध्यक्ष एडवोकेट जितेंद्र सिंह बीजावत ने बताया कि गुरुदेव के 100 सूत्रीय कार्यक्रमों में दहेज प्रथा को रोकने की तर्ज पर विवाह सम्पन्न हुआ। विवाह के समय वर और वधू को अपनी जीवन की कमाई के एक अंश को परमार्थ कार्य और लोकमंगल में लगाते रहने के लिए संकल्प दिलाया तथा पति – पत्नी का एक दूसरे के प्रति कर्तव्य भली प्रकार से समझाया। कार्यक्रम के पश्चात मिशन के द्वारा विदाई गीत गाया गया। गीत के माध्यम से कुल – मर्यादा – परंपरा को निभाए जाने का महत्व बताया गया।
कार्यक्रम थानाराम जाट और प्रीति सैनी के आचार्यत्व में संपन्न कराया गया। इस दौरान गायत्री परिजन सावरमल अग्रवाल,मालचंद बुनकर,दिनेश खेमावाला,मदनलाल विजय,मुरारीलाल अग्रवाल , पवन माहेश्वरी, मुकेश कुमार गुप्ता,गिरधारी लाल जारवाल,परिव्राजक दयाराम राजपाल,रमेश राजपाल आदि परिजन उपस्थित रहे।