नई दिल्ली (हमारा वतन) 19 सितम्बर के दिन गणपति बप्पा अपने सभी भक्तों के घर पधारेंगे। हर साल भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गणेश चतुर्थी की शुरुआत होती है, ये उत्सव पूरे 10 दिनों तक चलता है। 10 दिनों के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा की विदायी की जाती है।
ऐसी मान्यता है की इन पूरे दस दिनों गणेश भगवान की श्रद्धा भाव के साथ पूजा-उपासना करने से धन-धान्य का सुख मिलता रहता है। वहीं, मंगलवार के दिन शुभ मुहूर्त में गणेश पूजन किया जाएगा। इस शुभ दिन ज्यादातर लोग गणपति जी की मूर्ति घर लाते हैं, जिसे विधिवत और शुभ मुहूर्त में स्थापित करना चाहिए। इसलिए आइए जानते हैं मूर्ति स्थापना और गणपति पूजन की सही विधि और मुहूर्त-
गणेश चतुर्थी पूजा-विधि – गणपति की स्थापना करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले घर, मंदिर साफ करें और स्नान करने के बाद साफ वस्त्र पहनें। पूजन सामग्री लेकर पूर्व दिशा की ओर मुख कर शुद्ध आसन पर बैठ जाएं। अपने घर के उत्तर भाग या पूर्वोत्तर भाग में भी गणेश जी की प्रतिमा या मूर्ति रख सकते हैं और दक्षिण पूर्व में दीपक जलाएं। गणेश जी की मूर्ति को किसी लकड़ी के पटरे या गेहूं, मूंग, ज्वार के ऊपर लाल वस्त्र बिछाकर स्थापित करें। गणेश भगवान की प्रतिमा की पूर्व दिशा में कलश रखें। गणपति की प्रतिमा के दाएं-बाएं रिद्धि-सिद्धि को भी स्थापित करें और साथ में एक-एक सुपारी रखें। अपने ऊपर जल छिड़कते हुए ऊँ पुण्डरीकाक्षाय नमः मंत्र का जाप करें। भगवान गणेश को प्रणाम करें और तीन बार आचमन करें तथा माथे पर तिलक लगाएं। मूर्ति स्थापित करने के बाद गणेश जी को पंचामृत से स्नान कराएं। उन्हें वस्त्र, जनेऊ, चंदन, दूर्वा, अक्षत, धूप, दीप, शमी पत्ता, पीले पुष्प और फल चढ़ाएं। पूजन आरंभ करें तथा अंत में गणेश जी की आरती करें और मनोकामना पूर्ति के लिए आशीर्वाद मांगे। गणेश चतुर्थी तिथि पर शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखकर विधिपूर्वक पूजन की परम्परा निभानी चाहिए, जो अधिक लाभदायक होता है।
गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त – हिंदू पंचांग के अनुसार, 18 सितंबर 2023 के दिन गणेश चतुर्थी की शुरुआत दोपहर के समय 2 बजकर 09 मिनट पर होगी, जो 19 सितंबर के दिन दोपहर के 3 बजकर 13 मिनट तक रहने वाली है।
गणेश मूर्ति स्थापना मुहूर्त – हिंदू पंचांग के अनुसार, 19 सितंबर 2023 के दिन सुबह 11 बजकर 8 मिनट से दोपहर 1 बजकर 33 मिनट तक गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने का शुभ मुहूर्त रहेगा। वहीं, ठीक 10 दिनों के बाद विसर्जन किया जाएगा।
पूजन सामग्री की लिस्ट – मूर्ति स्थापना के लिए लाल या पीला वस्त्र, लकड़ी का पटरा, प्रभु के लिए वस्त्र, घी का दीपक, शमी पत्ता, गंगाजल, पंचामृत, सुपारी, जनेऊ, लड्डू, चंदन, अक्षत, धूप, फल, फूल, दूर्वा |
NOTE: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। HAMARA WATAN इसकी पुष्ठी नहीं करता है |
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
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