जयपुर (हमारा वतन) मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार गांव-ढाणी तक प्रदेशवासियों को उच्च कोटि की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। चिकित्सा का क्षेत्र राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। यही वजह है कि चिकित्सा के क्षेत्र में हमारा खर्च अन्य कई राज्यों से अधिक है। हमारा प्रयास है कि राजस्थान स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बने। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ‘राइट टू हेल्थ’ की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है।
गहलोत जयपुर एग्जीबिशन एण्ड कन्वेंशन सेंटर, सीतापुरा में एसोसिएशन ऑफ फिजीशियन्स ऑफ इण्डिया (एपिकॉन) के 77वें राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर चिकित्सकों को वर्ष 2020 एवं 2021 के प्रतिष्ठित जीवराज मेहता अवार्ड से सम्मानित किया और चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा लिखित विभिन्न पुस्तकों का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपीए सरकार के समय देश में मेडिकल कॉलेजों के विस्तार की योजना बनाई गई। इसी का परिणाम रहा कि राजस्थान को 16 नए मेडिकल कॉलेज मिल सके। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में 30 जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थापित होने जा रहे हैं। श्री गहलोत ने कहा कि देश की बड़ी आबादी एवं स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरतों के अनुरूप और अधिक मेडिकल कॉलेज खोले जाने की आवश्यकता है।
गहलोत ने कहा कि हमारी पिछली सरकार में राज्य में निःशुल्क दवा एवं जांच योजना लागू की गई थी। इस बार हमने हर परिवार को इलाज के खर्च से चिंतामुक्त करने की दिशा में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा जैसी महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। इस वित्तीय वर्ष के बजट में इसका दायरा बढ़ाते हुए प्रति परिवार बीमा कवरेज 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रूपये कर दिया गया है। साथ ही इस योजना में अब कॉकलियर इम्प्लांट, बोनमैरो ट्रांस्प्लांट, ऑर्गन ट्रांस्प्लांट, ब्लड, प्लेट्लेट्स एवं प्लाज्मा ट्रांसफ्यूजन तथा लिम्ब प्रोस्थेसिस (बोन कैंसर) जैसी जटिल स्वास्थ्य सेवाएं भी निःशुल्क उपलब्ध हो सकेंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब सरकारी चिकित्सा संस्थानों में आईपीडी एवं ओपीडी में उपचार पूरी तरह निःशुल्क कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कोविड महामारी के दौरान चिकित्सकों के अहम योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अपना जीवन दांव पर लगाकर लोगों के जीवन की रक्षा की। चिकित्सा कर्मियों के साथ-साथ हर वर्ग ने इस महामारी से मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई। उन्होंने कहा कि राजस्थान के बेहतरीन कोविड प्रबंधन की देश-दुनिया में सराहना हुई है। राज्य सरकार ने इस महामारी से लड़ने में संसाधनों को लेकर किसी तरह की कमी नहीं रखी। जरूरत पड़ने पर चार्टर प्लेन तक से दवाइयां मंगाई गई।
चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि राजस्थान चिकित्सा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में लगातार अभूतपूर्व फैसले लिए गए हैं। प्रदेश में कोविड का शानदार प्रबंधन किया गया और कोविड वैक्सीनेशन भी सफलतापूर्वक हुआ है। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में होने वाले विचार-विमर्श और विशेषज्ञों द्वारा किए गए शोध आदि की जानकारी से चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ा लाभ मिलेगा।
सम्मेलन के आयोजन अध्यक्ष डॉ. के.के. पारीक ने स्वागत उद्बोधन दिया। आयोजन सचिव डॉ. पुनीत सक्सेना ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुधीर भंडारी, एपिकॉन के नए अध्यक्ष डॉ. श्याम सुंदर सहित अन्य पदाधिकारी एवं देश-विदेश से आए चिकित्सक उपस्थित रहे |
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
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