जयपुर (हमारा वतन) एक जमाना ऐसा भी था जब लड़कियां ससुराल के सपने सजाकर मायके से विदा लेती थीं। बड़ा-पूरा परिवार, सिर्फ सास-ससुर ही नहीं बाकी के ढेर सारे रिश्तेदार भी उसके ससुराल में होते थे। बस यूं ही पूरी उम्र लड़कियां एडजस्ट करते-करते कैसे ना कैसे लाइफ गुजार ही लिया करती थीं। हालांकि तब का माहौल अलग था और आज चीजें बहुत बदल चुकी हैं। आज रिश्तों के मायनों में काफी बदलाव हुआ है। कपल्स ज्यादातर परिवार से अलग रहना ही प्रिफर करने लगे हैं। इसके लिए लोग अक्सर लड़कियों पर परिवार तोड़ने का आरोप लगाते हैं लेकिन क्या वाकई वो बेवजह अलग रहने का फैंसला ले रही हैं? इसकी बारीकियों में जाकर देखें तो कई ऐसे जायज कारण सामने आते हैं जिसकी वजह से आजकल की लड़कियां ज्यादातर अपने ससुराल वालों वालों से अलग रहना पसंद कर रही हैं। आज हम इन्हीं कारणों को जानेंगे।
बेवजह की रोक- टोक :-
पुराने जमाने में जब लडकियां शादी करके ससुराल जाती थीं तो उन्हें ससुराल वालों के मुताबिक ही रहना पड़ता था। लड़कियां भी इसे अपना फर्ज समझकर, ससुराल वालों की हर बात को सिर झुकाकर मान लेती थीं। लेकिन अब जमाना बदल गया है। आज की लड़कियां अपने हिसाब से जीना पसंद करती है। फिर चाहे अपने मनपसंद कपड़े पहनना हो या फिर कहीं आना जाना, किसी चीज में बेवजह की रोक-टोक आजकल की लड़कियों को बर्दाश्त नहीं है। जब सास-ससुर, बहू पर बेवजह की रोक-टोक लगाना शुरू कर देते हैं तो ऐसी सिचुएशन में लड़कियां, सास- ससुर से अलग रहने की डिमांड करने लगती हैं।
नहीं मिलती प्राइवेसी :-
आज के समय में हर इंसान को प्राइवेसी चाहिए होती है। लेकिन इंडियन फैमिली में आज भी जब पूरा परिवार एक साथ रह रहा होता है, तो अक्सर लोग एक दूसरे की प्राइवेसी का ध्यान नहीं रखते हैं, जिसकी वजह से भी कभी-कभी प्रॉब्लम भी होने लगती है। लड़कियों को जब ससुराल में प्राइवेसी नहीं मिलती है तो उन्हें ससुराल एक जेल की तरह लगने लगता है। अक्सर ऐसी स्थिति में वो सास ससुर से दूर हो जाना ही पसंद करती हैं।
पति के साथ नहीं बिता पातीं वक्त :-
जब नई-नई शादी होती है, तो हर लड़की चाहती है कि वो अपने पति के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करें। लेकिन इंडियन फैमिली जब एक साथ रहती है तो घर में इतने काम और जिम्मेदारियां हो जाती हैं जिसे पूरी करते-करते, पति पत्नी एक दूसरे के लिए समय ही नहीं निकाल पाते। ऐसी सिचुएशन के चलते भी अक्सर लड़कियां सास-ससुर से दूर रहने का फैसला करती हैं।
जब उनके साथ होता है अजनबियों जैसा व्यवहार :-
एक लड़की जब शादी करके ससुराल आती है तो अपने नए परिवार को लेकर उसके मन में ढेर सारे सपने होते हैं। अपने मायके को छोड़कर जब वो ससुराल आती है तो एक ही दिन में वो ससुराल वालों को अपना परिवार समझने लगती है, लेकिन कई बार ससुराल में बहुओं के साथ गैरों जैसा व्यवहार किया जाता है। उनसे परिवार की बातें छुपाई जाती हैं और परिवार से जुड़े महत्वपूर्ण फैसलों में भी उनकी कोई राय नहीं ली जाती। ऐसी स्थिति में भी लड़कियों का मन परिवार से हटने लगता है और वो फैमिली से अलग रहने का दबाव डालने लगती हैं।
जब की जाती है दूसरों से तुलना :-
कई घरों में ऐसा होता है कि सास-ससुर अपनी बहू की तुलना अपनी बेटी या दूसरों की बहुओं से करने लगते हैं। अक्सर बहू के हर काम में गलतियां निकालकर, उसके सामने दूसरों की ही तारीफ करते रहते हैं। ऐसी सिचुएशन में भी लड़कियां इनसिक्योर होने लगती हैं और परिवार से अलग होने के बारे में सोचने लगती हैं।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी