बिहार (हमारा वतन) जमुई के डॉक्टर शंकर नाथ झा को शिक्षा क्षेत्र का सर्वोच्च पुरस्कार मिलेगा। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर 11 नवंबर को सीएम नीतीश कुमार पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में ढाई लाख रुपए के मौलाना अबुल कलाम आजाद शिक्षा पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। डॉ. झा को यह पुरस्कार महादलित समुदाय के लोगों को शिक्षित करने के लिए दिया जा रहा है।
डॉ. झा मूल रूप से बाबा नगरी देवघर के निवासी हैं, लेकिन पिछले 33 साल से (1988) जमुई में शिशु रोग विशेषज्ञ के रूप में लोगों की सेवा कर रहे हैं। वह काफी मिलनसार और सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले डॉक्टर हैं। पिछले 15 वर्षों से अपनी टीम के साथ मिलकर महादलित समुदाय के लोगों को शिक्षित कर रहे हैं। इस समुदाय के कई बच्चे शिक्षित होकर नौकरी पेशा में हैं। कुछ अपने समुदाय के अन्य बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं।
इस विषय में महादलित समुदाय के शिक्षित युवक अर्जुन ने कहा कि डॉ. साहब ने महादलित बस्तियों में जाकर उस समुदाय के बच्चों को शिक्षित किया, जो बाल मजदूरी करने ईंट भट्टे पर जाते थे। उनका यह अभियान आज रंग लाया है।
वहीं, गांव की महिला रितिका देवी ने कहा कि डॉक्टर झा को पुरस्कार मिलने से काफी खुशी हो रही है। पहले कोई भी बच्चा पढ़ने को लेकर जागरूक नहीं था, लेकिन आज स्थिति बिल्कुल अलग है। बच्चे पढ़ने लगे हैं और शिक्षित भी होने लगे हैं। उसमें एक बच्चा मेरा भी है।
55 केंद्रों पर दी जा रही शिक्षा
पुरस्कार के लिए आभार जताते हुए डॉ. झा ने बताया कि महादलित बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा मैं और मेरी टीम ने करीब 15 वर्षों पहले उठाया था। महादलित समुदाय के एक टोले से शुरू किया गया यह काम आज 55 टोले तक पहुंच गया है। करीब 5500 बच्चे शिक्षित हो चुके हैं और आज 55 केंद्रों पर करीब 1500 बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। आने वाले दिनों में इस समुदाय के बच्चों को शिक्षित करने को लेकर काफी प्रयास करने की योजना भी है। जिस पर काम किया जा रहा है।
उनका कहना है कि भले ही सरकार यह पुरस्कार हमें दे रही है, लेकिन असली हकदार हमारी पूरी टीम है। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी काफी सराहना की। वर्तमान सरकार ने महादलित समुदाय के लिए काफी काम किया है। बिहार सरकार के इस पुरस्कार के लिए 28 लोगों ने अपना आवेदन दिया था।
11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस
भारत में हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। यह दिवस आजाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री रहे मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। मानव संसाधान मंत्रालय ने 11 नवंबर 2008 को ऐलान किया था कि हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाएगा ।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
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