नई दिल्ली (हमारा वतन) शुक्रवार को हस्त नक्षत्र में धनतेरस पूजा होगी। चतुर्वेदी के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि शुक्रवार को दिन में 12:35 बजे लग जाएगी। पूजा का समय शाम 04:09 बजे से 06:43 बजे तक रहेगा। इस दौरान प्रदोष बेला और वृषभ लग्न रहेगी। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस दिन कोई नई बस्तू खरीदें। श्री लक्ष्मी जी-गणेश जी मिट्टी वाले अवश्य खरीदें तथा दीपावली पर काम आने वाले खील-बतासे एवं पूजा की सामग्री भी खरीदें।
धनतेरस पूजन विधि – धनतेरस की शाम के समय उत्तर दिशा में कुबेर, धन्वंतरि भगवान और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पूजा के समय घी का दीपक जलाएं। कुबेर को सफेद मिठाई और भगवान धन्वंतरि को पीली मिठाई चढ़ाएं। पूजा करते समय कुबेर मंत्र का जाप करना चाहिए। फिर धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इसके बाद भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करना चाहिए। माता लक्ष्मी और भगवान गणेश को भोग लगाएं और फूल चढ़ाना चाहिए |
धनतरेस की शाम घर के बाहर मुख्य द्वार पर और आंगन में दीप जलाने की प्रथा भी है। शास्त्रों में वर्णित है की कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी की रात यम देवता का पूजन कर दक्षिण दिशा की ओर भेंट करता है उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। इसलिए इस दिन घर के बाहर दक्षिण दिशा की ओर दीप जलाकर रखा जाता है।
खरीदारी का विशेष महत्व – धनतेरस में खरीददारी करने का धार्मिक महत्व है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। लोगों का मानना है कि इस दिन नये सामान जैसे बाइक, कार, स्वर्ण व चांदी आभूषण, बर्तन, इलेक्ट्रानिक्स सामान आदि की खरीदारी बेहद शुभ फलदायी माना जाता है।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
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