जयपुर (हमारा वतन) राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ कोटा के जिलाध्यक्ष रामजीलाल मीणा व कोटा के महामंत्री विवेक गौड़ ने संयुक्त बयान जारी कर बताया कि महासंघ का प्रतिनिधि मंडल 64 दिन के सामुहिक अवकाश एवं महापड़ाव के चलते सरकार एवं महासंघ के मध्य हुए लिखित समझोते के बाद रविवार को प्रदेश अध्यक्ष राज सिंह चौधरी के नेतृत्व में प्रदेश पदाधिकारियों, 33 जिला अध्यक्षो एवं विभागीय समितियों के प्रदेशाध्यक्षो के साथ मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की |
जिसमें मंत्रालयिक कर्मचारियों की प्रमुख लंबित मांगो जिसमें समान भर्ती, समान योग्यता, के आधार पर सचिवालय एवं समकक्ष संवर्गो के समान वेतनमान देने, विगत भाजपा सरकार द्वारा कनिष्ठ सहायक के वेतनमान से की गई वेतन कटौती को वापस लेने पर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित कराया गया |
प्रदेशाध्यक्ष राजसिंह चौधरी ने प्रमुख मांगो पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का मंत्रालयिक कर्मचारियों की 30 साल पुरानी वेतन विसंगति एवं वर्तमान परिपेक्ष में अन्य संवर्गो की तुलना में कम मिल रहे वेतन पर चिंता जताई | साथ ही कहा कि काफी बर्षो से अधिकारी स्तरों पर ज्ञापन दिए जाते हैं लेकिन कार्यवाही नहीं होती ना चहते हुए भी मजबूर होकर आंदोलनात्मक कदम उठाने पड़ते हैं जिससे सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाऐ प्रभावित होने से आम जन को परेशानी उठानी पड़ती है।
प्रदेश महामंत्री वीरेंद्र दाधीच ने अपने उद्वबोधन में कहा कि मंत्रालयिक कर्मचारी सरकारी कामकाज को अमली जामा पहनाने एवं उसे मूर्त रूप देने की महती कड़ी है जिसकी लगातार उपेक्षा से ये संवर्ग अपने आप को शोषित समझ रहा है उन्होंने मुख्यमंत्री में आस्था व्यक्त करते हुए इस संवर्ग को राहत प्रदान करने की मांग रखी।
इस अवसर पर उपस्थित राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धमेन्द्र सिंह राठौड़ ने अपने प्रारंभिक उद्वबोधन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मंत्रालयिक कर्मचारियों से परिचय कराते हुए कहा कि मैं भी पहले बाबू था ओर बाबू की पीड़ा को जितना में समझ सकता हूँ इतना कोई नहीं समझ सकता ओर कहा बाबू वेतन विसंगति को लेकर मेने भी लंबे समय तक संघर्ष किया है ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मंत्रालयिक कर्मचारियों की ओर से मंत्रालयिक कर्मचारियों के महा अधिवेशन में उपस्थित होने का न्यौता दिया जिस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने उद्वबोधन में तत्काल स्वीकार करते हुए महा अधिवेशन में आने पर सहमति व्यक्त की, जिसका उपस्थित पदाधिकारियों द्वारा ताली बजाकर घोषणा का स्वागत किया, और कहा- मैं गत माह आपके पंडाल में शिप्रा पथ आ रहा था, फिर कुछ परिस्थिति ऐसी बनी कि नहीं आ पाया |
उन्होंने कहा कि मैं जहाँ भी गया वहाँ आपके प्रतिनिधिमण्डल को यही कहाँ जल्द ही आपकी बात सुनी जायेगी व उनको कहों महापड़ाव उठा कर काम पर लौटे तथा सरकार की ओर से चल रही विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं को जन जन तक पहुँचाने में सरकार का सहयोग करे, उन्होंने सरकार द्वारा कर्मचारी कल्याण में पुरानी पेंशन योजना, राजस्थान हैल्थ स्कीम, जैसी विभिन्न घोषणाओ का जिक्र किया जिस पर उपस्थित सभी पदाधिकारियों ने खड़े होकर मुख्यमंत्री का धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर मंत्री अर्जुन बामनिया भी उपस्थित रहे। प्रतिनिधि मंडल में कोटा के जिलाध्यक्ष रामजीलाल मीणा, उपाध्यक्ष परमानन्द मीणा, बारां जिलाध्यक्ष राकेश शर्मा, कोषाध्यक्ष परमानन्द मीणा, बूंदी से दिनेश शर्मा, झालावाड़ से प्रदीप सिंह सहित सभी जिलाध्यक्ष उपस्थित रहे ।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
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