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नई दिल्ली (हमारा वतन) ओडिशा के बालासोर के करीब पारादीप और सागर आइलैंड के बीच उत्तरी ओडिशा-पश्चिम बंगाल तट के करीब से चक्रवाती तूफान यास के गुजरने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग (India Meteorological Department, IMD) की ओर से मंगलवार को यह जानकारी दी गई है। पश्चिम बंगाल के दीघा में बारिश शुरू हो गई है। यहां से बुधवार को चक्रवात यास के गुजरने का अनुमान है।
IMD भुवनेश्वर के अनुसार, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर में हवा की स्पीड 150-160 किमी प्रति घंटे होगी और कल दोपहर तक बालासोर में लैंडफॉल की भी संभावना है। धमरा और पारादीप में खतरे को देखते हुए चेतावनी दे दी गई है। आज और कल के लिए ओडिशा के केंद्रपाड़ा, भद्रक, जगतसिंहपुर, बालासोर में भारी बारिश के कारण रेड अलर्ट जारी किया गया है। वहीं मयूरभंज, जाजपुर, कटक, खोरदा और पुरी में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
12 घंटों में होगा भयंकर
IMD ने मंगलवार को पूर्वानुमान में बताया कि अगले 12 घंटों में यह तूफान भीषण रूप ले सकता है। IMD की ओर से आज जारी किए गए बुलेटिन में बताया गया, ‘पूर्व-उत्तर बंगाल की खाड़ी से भीषण चक्रवात यास उत्तर पश्चिम की ओर 9 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा है। अगले 12 घंटों में यह और भयंकर हो सकता है। बुधवार, 26 मई की सुबह यह पश्चिम बंगाल व ओडिशा के तट के करीब पहुंचेगा।’
राहत शिविरों में पहुंचे बालासोर निवासी
ओडिशा के चांदीपुर में भी भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार 26 मई को चक्रवात बालासोर तट से टकराएगा और यहां लैंडफॉल हो सकता है। चक्रवात की आशंका को देखते हुए बालासोर जिले से लोगों को निकाल कर चांदीपुर में बनाए गए राहत शिविरों में पहुंचाने का काम जारी है। बालासोर की BDO नरेंद्र खामरी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज दोपहर तक यह काम पूरा हो जाएगा। BDO ने आगे बताया, ‘हम सभी लोगों को दोपहर तक स्कूल और कॉलेज में बनाए गए अस्थायी आश्रय केंद्रों में शिफ्ट कर देंगे। वहां सभी के लिए खाने- पीने का इंतजाम किया गया है। वहां कोविड गाइडलाइन के हिसाब से व्यवस्था की गई है। लोगों से अपील है कि नजदीक के सुरक्षित घरों में पहुंच जाएं।’
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) ने सोमवार को बताया, ‘कोरोना संकट के साथ चक्रवात तूफान यास की इस चुनौती में लोगों की जिंदगियों को बचाना प्राथमिकता है। तूफान प्रभावित इलाकों के सभी लोगों से मैं आग्रह करता हूं कि वे प्रशासन का सहयोग करें और राहत शिविरों में चले जाएं।’
गौरतलब है कि बुधवार यानि 26 मई की सुबह तक यास अपने चक्रवाती तेवर में बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटवर्ती इलाकों में पहुंच जाएगा, दोपहर को ओडिशा के पारादीप और बंगाल के सागर द्वीप के बीच से बालासोर के पास से गुजरेगा। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) समेत नौसेना, वायुसेना व केंद्रीय एजेंसियों तथा बंगाल व ओडिशा की सरकारों ने इस चक्रवात से निपटने के लिए युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। नौसेना ने राहत कार्यो के लिए चार युद्धपोत और कुछ विमान तैयार कर लिए हैं जबकि वायुसेना भी 11 परिवहन विमानों और 25 हेलीकॉप्टर के साथ मुस्तैद रहेगी।