अजमेर (हमारा वतन) भारत सरकार की ओर से नई दिल्ली में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरुआत के बाद जिला प्रशासन द्वारा राजस्थान महिला कल्याण मण्डल के सहयोग से किया रैलियों व शपथ ग्रहण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
कलेक्ट्रेट अजमेर में हुए समारोह में अतिरिक्त जिला कलक्टर गजेन्द्र सिंह राठौड़ एवं जिला बाल संरक्षण ईकाई के सहायक निदेशक संजय सांवलानी ने बाल संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं एवं पदाधिकारियों को बाल विवाह के विरूद्ध शपथ दिलाई। अतिरिक्त जिला कलक्टर वन्दना खोरवाल, सहायक कलक्टर रतन कौर भी उपस्थित रहीं।
राजस्थान महिला कल्याण मण्डल चाचियावास में संयुक्त निदेशक अनुराग सक्सेना, अतिरिक्त निदेशक तरूण शर्मा, लेखाधिकारी नेमीचन्द वैष्णव, सागर कॉलेज के प्रभारी डॉ. भगवान सहाय शर्मा की उपस्थिति में उपनिदेशक नानूलाल प्रजापति ने कॉलेज के छात्र-छात्राओं सहित स्टाफ को बाल विवाह मुक्त अजमेर के लिए शपथ दिलाते हुए बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की जानकारी दी।
राजस्थान महिला कल्याण मण्डल बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए काम कर रहे 250 से भी अधिक गैर सरकारी संगठनों के देशव्यापी गठबंधन जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन का सहयोगी संगठन है। यह राजस्थान के 6 जिलों में बाल विवाह की रोकथाम एवं जागरूकता के लिए पिछले 3 वर्ष से कार्य कर रहा है। भारत सरकार के नई दिल्ली के विज्ञान भवन में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के उद्घाटन के मौके पर संस्था ने अपने कार्यक्षेत्र के अजमेर, नागौर, बीकानेर, चुरू, झुन्झुनू, तथा डीडवाना-कुचामन जिलों जागरूकता रैलियों का आयोजन किया और लोगों को बाल विवाह के विरूद्ध शपथ दिलाई।
संस्था की टीम ने जिले के 50 से अधिक गांवों में स्कूली बच्चों, महिलाओं और पंचायत प्रतिनिधियों व अन्य को बाल विवाह के विरुद्ध शपथ दिलाई। जिले में जगह-जगह हुए कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में ग्रामीणों, पंचायत प्रतिनिधियों, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, शिक्षकों, बाल विवाह निषेध अधिकारी (सीएमपीओ) के अलावा बाल विवाह पीड़िताओं ने भी भागीदारी की। यह कार्यक्रम देश से बाल विवाह के खात्मे के लिए भारत सरकार के बाल विवाह मुक्त भारत के आह्वान के समर्थन में किया गया। इसका उद्घाटन 27 नवंबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने किया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पंचायतों और स्कूलों को बाल विवाह के विरूद्ध शपथ दिलाई। उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही शपथ लेने वालों की संख्या 25 करोड़ तक पहुंच जाएगी। इस मौके पर बाल विवाहों की सूचना व शिकायत के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल भी शुरू किया गया।
इस राष्ट्रव्यापी अभियान और जमीन पर इसके असर की चर्चा करते हुए संस्था के निदेशक राकेश कुमार कौशिक ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बाल विवाह के खात्मे के लिए महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की ओर से शुरू किया गया अभियान इस बात का सबूत है कि सरकार इस सामाजिक बुराई की गंभीरता से अवगत है। आज भी देश में 23 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियों का बाल विवाह होता है जो न सिर्फ जीवनसाथी चुनने के उनके अधिकार का हनन है बल्कि इससे लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ रोजगार और आर्थिक निर्भरता की उनकी संभावनाओं पर भी बेहद बुरा असर होता है। सरकार की योजना इस अभियान में सभी हितधारकों को साथ लेकर चलने की है और ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन का सहयोगी संगठन होने के नाते हम इसमें पूरी तरह साथ हैं। वर्षों से बाल विवाह के विरूद्ध काम करने के नाते हम भली भांति जानते हैं कि समग्र और समन्वित प्रयासों के बिना यह लड़ाई नहीं जीती जा सकती। लेकिन अब हमें विश्वास है कि सरकार और नागरिक समाज के साझा प्रयासों से भारत 2030 से पहले ही बाल विवाह के खात्मे के लक्ष्य को हासिल कर सकता है।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी