जयपुर (हमारा वतन) राज्य सरकार प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में जल तंत्र के विकास एवं सुदृढ़ीकरण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नहरों, जल एवं सिंचाई परियोजनाओं से संबंधित विभिन्न कार्यों के लिए 1003.19 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति दी है।
गहलोत की इस स्वीकृति से डूंगरपुर जिले में मारगिया लघु सिंचाई परियोजना के तहत बांध एवं नहर का सुदृढ़ीकरण, भीलवाड़ा में मेजा बांध की मुख्य नहरों, बांसवाड़ा में अनास नदी पर साग डूंगरी एनिकट, थापड़ा एनिकट लिफ्ट सिंचाई परियोजना, सोलर आधारित सूक्ष्म सिंचाई परियोजना, दानपुर लिफ्ट सिंचाई परियोजना का निर्माण, कागदी पिकअपवियर के डाउन स्ट्रिप एक्सेस चैनल की क्षमता वृद्धि एवं सुदृढ़ीकरण, झालावाड़ में आहू नदी पर एनिकट व कॉजवे, कंठाली नदी के कटाव को रोकना, चित्तौड़गढ़ में बड़ी, मानसरोवर व भावलिया बांध के अधिशेष जल से 7.50 हैक्टेयर कमांड क्षेत्र में सोलर आधारित सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का निर्माण, बूंदी में घोड़ा पछाड़ नदी पर बैंक प्रोटेक्शन कार्य होंगे।
इसके अलावा बारां के अटरू शहर को बाढ़ से बचाने हेतु बुधसागर तालाब डाचवर्जन चैनल व मांडपुर लिफ्ट परियोजना के एनिकट से सोलर आधारित फव्वारा पद्धति से सिंचाई, प्रतापगढ़ में देवद कराडिया लघु सिंचाई परियोजना, कोटा की अलनिया मध्यम सिंचाई परियोजना की शेष रही कच्ची नहर की लाइनिंग व जीर्णोद्धार, सवाईमाधोपुर के भूखा में बनास नदी पर एनिकट, उदयपुर में जावर एनिकट पर निर्माण संबंधी विभिन्न कार्य होंगे।
साथ ही चौधरी जम्भेश्वर लिफ्ट नहर (फलोदी लिफ्ट) के 10 हजार हैक्टेयर एवं नेता वितरिका के शेष रहे क्षेत्र में विभिन्न सिविल एवं मैकेनिकल कार्य तथा स्प्रिंकलर सिंचाई सुविधा का विद्युतीकरण कराया जाएगा। इस कार्य में कुल 100 करोड़ रुपए लागत आएगी, जिसमें वित्तीय वर्ष 2023-24 में 30 करोड़ व्यय होंगे।
उल्लेखनीय है कि गहलोत ने प्रदेश की विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के सुदृढ़ीकरण, एनिकट निर्माण तथा जीर्णोद्धार की घोषणा की थी, जिसके क्रम में उक्त स्वीकृति प्रदान की गई है।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
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