जयपुर (हमारा वतन) राजस्थान प्रदेश भाजपा मुख्य प्रवक्ता और चौमूं विधायक रामलाल शर्मा ने “मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना” में कई खामियां गिनाई है |
रामलाल शर्मा ने कहा कि उन खामियों के चलते किसान को योजना का फायदा नहीं मिल पा रहा है | प्रदेश के अधिकांश किसानों के बिजली के बिल और बैंक खाते एक समान नहीं है, ऐसी स्थिति में सब्सिडी की राशि किसानों के खाते में कैसे जा पाएगी ?
जब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी तब किसानों को राहत देने के लिए बिजली के बिलों में ही सब्सिडी योजना लागू की गई थी| इस सब्सिडी योजना के तहत 833 रूपए प्रतिमाह किसान को छूट मिलती थी, जो किसानों के बिलों में ही डेबिट होती थी और उसके बाद शेष राशि किसानों को जमा करवानी होती थी |
मुख्यमंत्री ने कल “मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना” के द्वारा किसानों को राहत देने के लिए एक सब्सिडी योजना लागू की है और उस योजना के अंदर दावा किया गया है कि हम 12000 रूपए तक सालाना किसानों को राहत देने का काम करेंगे | लेकिन इस योजना का लाभ किसानों को तभी मिल सकता है जब किसानों के बिलों में ही सब्सिडी का समायोजन किया जाएगा अन्यथा किसानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा | अगर सरकार की मंशा किसानों को राहत देने की है तो सब्सिडी की राशि बिजली के बिलों में ही समायोजित की जानी चाहिए |