कोलकाता (हमारा वतन) कोलकाता पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय पासपोर्ट जारी किए जाने के मामले की जांच शुरू कर दी है। खुलासा हुआ है कि 73 भारतीय पासपोर्ट फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके बनाए गए, जिससे पुलिस और पासपोर्ट विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने विभिन्न नगरपालिकाओं और पंचायतों से इन दस्तावेजों में दर्ज पतों की जानकारी मांगी थी। जवाब में बताया गया कि दिए गए पते अस्तित्व में ही नहीं हैं।
फर्जी दस्तावेजों का हुआ इस्तेमाल :-
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ये पता चला है कि इन पासपोर्टों को बनाने में पश्चिम बंगाल बोर्ड की फर्जी मार्कशीट, एडमिट कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड और वोटर कार्ड का इस्तेमाल किया गया। जिन स्थानीय निकायों से जानकारी मांगी गई, उनमें बारासात नगरपालिका, बांगांव नगरपालिका और दत्तपुकुर के कदमबगाछी ग्राम पंचायत शामिल हैं। सभी ने इन पतों से संबंधित किसी भी दस्तावेज को जारी करने से इनकार किया है।
पासपोर्ट विभाग के साथ हुई बैठक :-
कोलकाता पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा ने शनिवार को मीडिया को बताया, “हमने विदेश मंत्रालय द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों पर पासपोर्ट विभाग के अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की है। हमने पुलिस थानों के अधिकारियों को इन मामलों में सतर्क रहने और उचित जांच करने के निर्देश दिए हैं।”
छह आरोपी गिरफ्तार :-
अब तक इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम और डिटेक्टिव डिपार्टमेंट ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के दत्तपुकुर थाना क्षेत्र के छोटो जगुलिया इलाके से मुख्तार आलम नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। आलम 2021 में एक समान मामले में चूचूड़ा पुलिस द्वारा भी गिरफ्तार किया गया था।
कोलकाता पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय पासपोर्ट जारी किए जाने के मामले की जांच शुरू कर दी है। खुलासा हुआ है कि 73 भारतीय पासपोर्ट फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके बनाए गए, जिससे पुलिस और पासपोर्ट विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने विभिन्न नगरपालिकाओं और पंचायतों से इन दस्तावेजों में दर्ज पतों की जानकारी मांगी थी। जवाब में बताया गया कि दिए गए पते अस्तित्व में ही नहीं हैं।
फर्जी दस्तावेजों का हुआ इस्तेमाल :-
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ये पता चला है कि इन पासपोर्टों को बनाने में पश्चिम बंगाल बोर्ड की फर्जी मार्कशीट, एडमिट कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड और वोटर कार्ड का इस्तेमाल किया गया। जिन स्थानीय निकायों से जानकारी मांगी गई, उनमें बारासात नगरपालिका, बांगांव नगरपालिका और दत्तपुकुर के कदमबगाछी ग्राम पंचायत शामिल हैं। सभी ने इन पतों से संबंधित किसी भी दस्तावेज को जारी करने से इनकार किया है।
पासपोर्ट विभाग के साथ हुई बैठक :-
कोलकाता पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा ने शनिवार को मीडिया को बताया, “हमने विदेश मंत्रालय द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों पर पासपोर्ट विभाग के अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की है। हमने पुलिस थानों के अधिकारियों को इन मामलों में सतर्क रहने और उचित जांच करने के निर्देश दिए हैं।”
छह आरोपी गिरफ्तार :-
अब तक इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम और डिटेक्टिव डिपार्टमेंट ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के दत्तपुकुर थाना क्षेत्र के छोटो जगुलिया इलाके से मुख्तार आलम नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। आलम 2021 में एक समान मामले में चूचूड़ा पुलिस द्वारा भी गिरफ्तार किया गया था।
पिछले हफ्ते कोलकाता पुलिस ने पांच अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था, जो पासपोर्ट रैकेट चलाने और फर्जी दस्तावेजों को 2 से 5 लाख रुपये में बेचने के आरोपी हैं। कोलकाता पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विशेष जांच टीम का गठन किया है। यह जांच टीम फर्जी दस्तावेजों की जड़ तक पहुंचने और इस रैकेट में शामिल अन्य दोषियों को पकड़ने की दिशा में काम कर रही है।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी