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पिछड़े क्षेत्रों को चिन्हित कर वहां स्तरीय विद्यालय खोले जाएं : राज्यपाल

जयपुर (हमारा वतन)  राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा है कि राज्य में जमीनी स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रयास होने चाहिए। उन्होंने सभी प्रोटोटाइपों में पहली कक्षा से चरित्र निर्माण और सांस्कारिक नागरिक निर्माण की शिक्षा पर ज़ोर दिया। उन्होंने वहां पर राज्य को बढ़ावा देने के लिए मतदान किया, न कि निजी क्षेत्र में, न ही किसी वैज्ञानिक विद्यालय में, न ही किसी नीति पर काम करने के लिए।

सर्वोच्च प्राथमिकता वाले राज्य के गांव गरीबों के बच्चों को पूर्ण शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने परिवार के बच्चों की शिक्षा के लिए घूमने का भी प्रयास किया। उन्होंने राजकीय प्राथमिक आश्रम में स्मार्ट विद्यालय के राज्य सरकार के शिक्षण संस्थान की स्थापना की। उन्होंने इस क्षेत्र में निजी क्षेत्र को सहयोग के लिए प्रेरित करने पर भी जोर दिया। सिद्धांत में चरित्र निर्माण, संस्कार, राष्ट्र की शिक्षा और नैतिक मूल्य के पाठ को भी विशेष रूप से शामिल करने की आवश्यकता है। स्कूल में खेल मैदान निर्माण, रजिस्ट्रीकरण, सौर ऊर्जा, वर्गीकरण आदि के लिए सभी समूहों द्वारा प्रयास किए जाने की योजना बनाई गई है। गवर्नर बागडे मंगलवार को स्कूल में शिक्षा विभाग की विशेष समीक्षा बैठक में चर्चा कर रहे थे।

बैठक में शिक्षा मंत्री मदन दिलवर ने कहा कि राज्य में संस्कार शिक्षा को प्राथमिकता देने का प्रयास किया जा रहा है कि प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का सतत विकास किया जाये। उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में राज्य में जाने वाले विशेष प्रयास के बारे में भी जानकारी दी।

गवर्नर ने प्रारंभिक, माध्यमिक शिक्षा, सर्व शिक्षा अभियान, मंदिर और सतत शिक्षा, राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल आदि के अंतगट राज्य में शिक्षा प्रसार के लिए जाने रहे कार्य के बारे में विस्तार से जानकारी लेते हुए राजस्थान को शिक्षा क्षेत्र में अग्रणी बनाया का अध्ययन किया गया। गवर्नर ने संस्कार शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, ग्रीन स्कूल, स्मार्ट स्कूल आदि के लिए राज्य सरकार द्वारा शिक्षा को महत्वपूर्ण और प्रभावशाली बनाने का प्रयास किया।

बागडे ने परमाणु ऊर्जा संयंत्र के प्रबोधन के लिए भी प्रभावी प्रयास के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गुवाहाटी पूर्ण शिक्षा के लिए समयानुरूप प्रशिक्षण की प्रभावशाली व्यवस्था हो। इसके लिए उन्होंने जिलेवार नियमित प्रशिक्षण प्रदान करने, नई शिक्षा नीति के संरचनात्मक कौशल विकास से छात्रों को जोड़ने आदि पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता को रेखांकित किया।

गवर्नर ने कहा कि सिद्धांत में सूर्य नमस्कार बहुत उपयोगी है। इसके लिए छात्रों को प्राकृतिक प्रशिक्षण दिया जाये। उन्होंने कहा कि सूर्य नमस्कार के विभिन्न मुद्राएं, सूर्य के विभिन्न नाम और सूर्य नमस्कार से मित्रों के जीवन में होने वाले सकारात्मक प्रभाव के बारे में लगातार बताया जाए। उन्होंने छात्रों की इंटरनैशनल में योग और व्यायाम करने पर भी ज़ोर दिया।

बैठक में राज्यपाल के सचिव डॉ. पृथ्वी ने शिक्षा विभाग से शिक्षा दीक्षा एवं आश्रम के विषय में प्रकाश डाला। बैठक में राज्यपाल के मुख्य पदधारी राज सागर, शिक्षा विभाग के सचिव कृष्ण मोहन, विशिष्ट सचिव विशु कुमार, सर्व शिक्षा अभियान के निदेशक अविचल चौधरी, ठोस एवं सतत शिक्षा निदेशक मेघ रातू, माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी, निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा सीताराम जाट आदि उपस्थित रहे।

रिपोर्ट – राम गोपाल सोलंकी

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