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जयपुर (हमारा वतन) अपने ही विधायकों की नाराजगी के चलते राजस्थान की गहलोत सरकार में चल रही उथल-पुथल के बीच राजनीतिक नियुक्तियों का दौर शुरू हो गया। निचले स्तर पर शुरू हुई इन नियुक्ति में सोमवार को सरकार ने प्रदेश की 33 नगर पालिकाओं में 192 पार्षदों को मनोनीत किया है। ये पार्षद स्थानीय विधायक या विधायक प्रत्याशी की सिफारिश पर नियुक्त किए गए हैं।
राज्य में सरकार बने ढाई साल से ज्यादा का समय हो गया है। राजनीतिक नियुक्तियों का दौर शुरू होने को लेकर पिछले कुछ समय से कयास लगाए जा रहे थे। इन नियुक्तियों को पिछले कुछ दिनों से पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के विधायक सचिन पायलट की नाराजगी और उसके सहयोगी विधायकों के सरकार पर लगातार हो रहे कटाक्ष से जोड़कर देखा जा रहा है। पायलट समर्थक विधायक कुछ समय से लगातार सरकार को सोशल मीडिया और बयानबाजी के जरिए अपनी सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे हैं।
इन निकायों में की नियुक्ति
स्वायत्त शासन निदेशालय की ओर से जारी आदेशों के तहत आज जयपुर की शाहपुरा नगर पालिका में 6, प्रतापगढ़ नगर परिषद में 8, धौलपुर की राजाखेड़ा नगर पालिका में 6, बारां की अंता नगरपालिका में 6, मांगरोल नगरपालिका में 2, बूंदी की नैनवा नगर पालिका में 6, डूंगरपुर नगर परिषद में 8, सागवाड़ा नगर पालिका में 6, पाली नगर परिषद में 3, बाड़मेर नगर परिषद में 8, बालोतरा नगर परिषद में 3, उदयपुर की सलूंबर नगरपालिका में 6, सरवाड़ नगरपालिका में 6, केकड़ी पालिका में 6, विजयनगर पालिका में 6, खेड़ली पालिका 6, भीनमाल पालिका 6, कुचामनसिटी पालिका 6, नावा पालिका 6 और मंडावा पालिका में 6 सदस्य नियुक्त किए है।
इसी तरह खेतड़ी पालिका में 6, बग्गड़ पालिका 6, बीदासर पालिका 6, रतननगर पालिका 6, सरदारशहर पालिका 6, कपासन पालिका 6, संगरिया पालिका 6, पीलीबंगा पालिका 6, रावतसर पालिका 6, नाथद्वारा पालिका 4, परबतसर पालिका 6, राजसमन्द नगर परिषद 8 और सुजानगढ़ नगर परिषद में 8 पार्षदों की नियुक्ति की है। इन पार्षदों का कार्यकाल नगर पालिका के बोर्ड के कार्यकाल तक रहेगा। अगर सरकार चाहे तो आदेश जारी कर इन नियुक्ति को इस समयावधि से पहले भी निरस्त कर सकती है।