तिरुवनंतपुरम (हमारा वतन) केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस से दो लोगों की मौत के बाद 3 और जिले कन्नूर, वायनाड और मलप्पुरम में अलर्ट जारी किया गया है। यहां के 7 ग्राम पंचायतों को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। कंटेनमेंट जोन वाले इलाके और अस्पतालों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।
कोझिकोड के जिला अधिकारी ने 7 पंचायतों में सभी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, आंगनबाड़ी केंद्र, बैंक और सरकारी संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया है। सुबह 7 से शाम 5 बजे तक सिर्फ दवाइयां और जरूरी चीजों की दुकानें ही खोलने की इजाजत है।
केरल में निपाह वायरस के अब तक 4 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें दो लोगों की मौत हुई है। बुधवार को राज्य सरकार ने विधानसभा में बताया कि पुणे से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) की टीम निपाह वायरस की जांच को लेकर आज केरल आएगी। कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में NIV की टीम चमगादड़ों का सर्वे भी करेगी।
इससे पहले केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने मंगलवार की रात इमरजेंसी मीटिंग बुलाई थी। इसमें सभी विधायकों, जन प्रतिनिधियों, जिला कलेक्टर और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ निपाह वायरस से निपटने के लिए जरूरी प्रयासों को लेकर चर्चा हुई।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि क्षेत्र में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का काम जारी है। हेल्थ डिपार्टमेंट ने इंडियन काउंसिल और मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ भी बातचीत की और राज्य के प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों के ट्रीटमेंट के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की उपलब्धता का आश्वासन दिया।
केरल में निपाह से पहली मौत 30 अगस्त और दूसरी मौत 11 सितंबर को हुई थी। स्वास्थ्य मंत्री ने मंगलवार को बताया था कि दोनों मृतकों के सैंपल जांच के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) भेजे गए हैं। उन्होंने दो और मरीज मिलने की पुष्टि की थी। इनमें एक 9 साल का बच्चा और 24 साल का युवक शामिल है। दोनों का इलाज जारी है। स्वास्थ्य मंत्री ने स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को अपने क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 12 सितंबर को एक पोस्ट कर कहा कि सरकार निपाह वायरस से हुई दो लोगों की मौत पर गंभीर है। जो लोग मृतकों के संपर्क में थे, उनके बारे में पता किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने कोझिकोड में अलर्ट जारी किया है। अभी तक राज्य में आधिकारिक तौर पर निपाह के फैलने की घोषणा नहीं की गई है।
केरल सरकार ने कहा है कि यह बांग्लादेश वाला वेरिएंट है जो कि काफी खतरनाक है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि यह वायरस इंसानों से इंसान में फैलता है। इसके फैलने की रफ्तार कम होती है लेकिन खतरनाक बहुत होता है। इस संक्रमण की मृत्यु दर ज्यादा देखी गई है।
बता दें कि 2018 के बाद चौथी बार केरल में निपाह वायरस का कहर है। 2018 में जब पहली बार केरल में निपाह वायरस पाया गया था तब 23 संक्रमित लोगों में से 21 की जान चली गई थी। इसके बाद 2019 और 2021 में फिर से निपाह के केस पाए गए।
आपको जानकर हैरानी होगी कि कोरोना वायरस की वैक्सीन एक साल में ही तैयार हो गई लेकिन निपाह वायरस की वैक्सीन और दवाई अब तक उपलब्ध नहीं है। यह ब्रेन और नर्वस सिस्टम पर अटैक करता है। इस वायरस की वजह से इंसान बहुत जल्दी कोमा में जा सकता है। तेज बुखार, बदन दर्द, उल्टी इसके लक्षण होते हैं। बताया जाता है कि यह वायरस चमगादड़ों से फैला। 1999 में मलेशिया और सिंगापुर में इस वायरस की पहचान की गई थी।
बांग्लादेश में साल 2016 में निपाह वायरस ने कई जानें ले ली थीं। बताया गया था कि यह वायरस खजूर के फल से फैला। खजूर के पेड़ पर चमगादड़ इकट्ठा हुआ करते थे। इसके बाद कई लोगों ने इस पेड़ के खजूर और तरल का इस्तेमाल किया जो कि बीमार हो गए। यही निपाह का बांग्लादेश वेरिएंट है जो कि केरल में फैल रहा है।
निपाह वायरस चमगादड़ और सुअर जैसे जानवरों से इंसानों में फैल सकता है। इस बीमारी की मरने वालों की दर बहुत ज्यादा है। अब तक इसका कोई ट्रीटमेंट या टीका (इंजेक्शन) उपलब्ध नहीं है। जूनोटिक वायरस उसे कहते हैं, जो जानवरों से इंसानों में या इंसानों से जानवरों में फैलता है।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
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