लखनऊ (हमारा वतन) कृषि विभाग के राजकीय कृषि बीज भंडारों से कृषि निवेश पर पीओएस के माध्यम से सब्सिडी-एट-सोर्स उपलब्ध कराने का शुभारम्भ बुधवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के मरकरी हॉल में प्रदेश के कृषि मंत्री, कृषि राज्य मंत्री मुख्य सचिव तथा सैकड़ो लाभार्थी किसानों की उपस्थिति में किया गया।
न्यूज ऑफ़ इंडिया ( एजेंसी) के अनुसार इस अवसर पर कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि प्रदेश के किसानों को खरीफ एवं रबी में कुल मिलाकर लगभग सात लाख कुन्तल बीज अनुदान पर प्रति वर्ष वितरित किया जाता है। इसके अतिरिक्त प्रति वर्ष लगभग 15 से 20 हजार मैट्रिक टन जिप्सम भी 75 प्रतिशत अनुदान पर कृषक भाईयों को बॉटा जाता है। आंकड़े बताते हैं कि राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के अर्न्तगत् विभाग द्वारा औसतन छः लाख से अधिक कृषकों को विभिन्न कृषि निवेशों पर अनुदान के रूप में लगभग बयालीस करोड़ की धनराशि प्रति वर्ष किसानों तक पहुँचाई जाती है।
प्रदेश के कृषकों की इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुये प्रधानमंत्री के डिजिटल इण्डिया की दूरदर्शी सोच और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की प्रेरणा से प्रदेश सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया कि कृषि विभाग के दर्शन पोर्टल पर पंजीकृत किसानों को अनुदान की धनराशि राजकीय कृषि बीज भण्डार से बीज एवं जिप्सम कय करते समय ही एट सोर्स प्रदान कर दिया जाये। इसके लिए बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ कृषि विभाग उ.प्र.के द्वारा एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया। जिसके अर्न्तगत् बैंक ऑफ बडौदा के सहयोग से समस्त राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर कृषि निवेश वितरण हेतु डिजिटल माध्यम का प्रयोग करते हुए प्वाइन्ट ऑफ सेल मशीन की व्यवस्था की गयी है।
दर्शन पोर्टल पर पंजीकृत कृषकों की पहचान के लिए प्वाइन्ट ऑफ सेल मशीन के द्वारा उनके आधार से बायो मैट्रिक सत्यापन हो जायेगा। एक बार कृषक की पहचान सत्यापित हो जाने के पश्चात् उन्हें अनुदान की धनराशि को छोडकर केवल कृषक अंश की धनराशि देकर कृषि निवेश उपलब्ध हो जायेगा। कृषकों द्वारा कय किये गये सामग्री के सापेक्ष रसीद भी तत्काल प्राप्त हो जायेगी। इसके लिए बैंक ऑफ बडौदा द्वारा प्रत्येक राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर वर्तमान में एक-एक प्वाईन्ट ऑफ सेल मशीन को स्थापित किया गया है। आगामी समय में बैंक ऑफ बडौदा द्वारा दो-दो मशीन करने की योजना है। ताकि फसल सीजन पर कृषि निवेश हेतु राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर आने वाले किसानों को किसी असुविधा का सामना न करना पडे।
अनुदान वितरण की नई व्यवस्था लागू होने के पश्चात् कृषक को कृषक अंश के आनलाइन भुगतान से सभी माध्यमों के प्रयोग का विकल्प उपलब्ध होगा। कृषक द्वारा क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड अथवा यू.पी.आई.का प्रयोग कर क्यू आर कोड के माध्यम से भी भुगतान संभव हो सकेगा। कृषि निवेश वितरण की सम्पूर्ण प्रकिया बैंक ऑफ बडौदा द्वारा तैयार किये गये डैश बोर्ड पर प्रदर्शित होगी। जिससे अनुदान की धनराशि को पारदर्शी तरीके से अनुश्रवित किया जा सकेगा और प्राप्त होने वाले कृषक अंश को राजकोष में समय से जमा कराने की व्यवस्था की जा सकेगी। इस व्यवस्था से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर के स्तर तक ले जाने में अपना अमूल्य योगदान दे सकेंगे।
कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख में कहा कि योगी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री के किसान हित का हर सपना पूरा किया जा रहा है। इसके लिए पीओएस जैसी नई तकनीक से किसान को तत्काल और पूरा-पूरा लाभ उसके खाते में पहुँचाने की यह पहल सराहनीय है। विभाग द्वारा किसान हित के प्रयास निरंतर किये जाते रहेंगे। इससे किसानों को कब किस खेत में कौन सी फसल बोनी है। उसे किस खाद कीटनाशक की आवश्यकता है यह तत्काल बताना बहुत आसान पता लगाना आसान हो गया है। आपदा से कहाँ कितना नुकसान हो गया है इसका पता लगाना तथा उसका उचित मुआवजा तुरंत देना संभव हो गया है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने कहा कि प्रदेश के कृषि विभाग द्वारा नवीन तकनीकी को अपनाकर किसानों तक सरकारी सुविधाओं का पारदर्शी तरीके से लाभ पहुंचाने में सराहनीय काम किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल मार्गदर्शन में तथा प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में सराहनीय कार्य किये जा रहे है। सरकार द्वारा डिजिटल क्रॉप सर्वे का कार्य कराने के बाद 20 प्रतिशत चावल व 18 प्रतिशत गन्ने के उत्पादन में वद्धि हुयी है। उन्होने कहा कि जल्दी ही डिजिटल क्राप सर्वे का सौ प्रतिशत पूरी कर लिया जाएगा। डिजिटल क्राप सर्वे में किसानों जीवन स्तर को तथा ईज ऑफ लीविंग का स्तर बहुत ऊंचा हो गया है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव कृषि और देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि प्रदेश के किसानों को राजकीय कृषि बीज भंडार से वितरीत होने वाले बीज एवं जिप्सम के मूल्य की पूरी धनराशि देकर कृषि निवेश को खरीदना पड़ता था। अभी तक कृषकों को कृषि निवेशों पर मिलने वाले अनुदान की धनराशि को डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खाते में बाद में प्रेषित किया जा रहा था। विभिन्न कारणों से कृषकों को समय पर अनुदान प्राप्त करने में भी समस्या आती थी। साथ ही कृषक को निवेश क्रय हेतु संपूर्ण धनराशि की व्यवस्था भी करनी पड़ती थी।
अब नई व्यवस्था के अंतर्गत बैंक ऑफ बड़ौदा के सहयोग से समस्त राजकीय कृषि बीज भंडारों पर कृषि निवेश वितरण हेतु डिजिटल माध्यम का प्रयोग करते हुए पॉइंट ऑफ सेल मशीन स्थापित कराया गया। इस प्रक्रिया में कृषि विभाग के दर्शन पोर्टल पर पंजीकृत कृषकों को पहचान के लिए पॉइंट ऑफ सेल मशीन के द्वारा उनके आधार से बायो मैट्रिक्स सत्यापन किया जाएगा। कृषि निवेश वितरण की संपूर्ण प्रक्रिया बैंक ऑफ़ बड़ोदा द्वारा तैयार किए गए डैशबोर्ड पर प्रदर्शित होगी, जिससे अनुदान की राशि को पारदर्शी तरीके से विक्रय केंद्र पर उपलब्ध कराने की कार्यवाही क्रियान्वित एवं अनुश्रवित किया जा सकेगा।
सचिव कृषि डॉ.राजशेखर ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा नई प्रौद्योगिकी को अपनाकर हर योजना का लाभ बिना किसी असुविधा के देने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है। इस अवसर पर बैंक ऑफ बडौदा के जनरल मैनेजर एवं जोनल हेड लखनऊ जोन समीरा रंजन पाँडा, कृषि विभाग के अधिकारी तथा सैकड़ो लाभार्थी किसान उपस्थित रहे।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
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