नई दिल्ली (हमारा वतन) हिंदू धर्म में हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा-आराधना का बड़ा महत्व है। इस साल 14 फरवरी 2024 को बसंत पंचमी मनाई जाएगी। बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के वस्त्र पहनकर मां शारदा की पूजा की जाती है।
साथ ही उन्हें पीले फूल अर्पित किए जाते हैं। इस दिन पूजा में पीली चीजों का इस्तेमाल करना बेहद शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं और बुद्धि-विवेक और ज्ञान का आशीर्वाद देती हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि सरस्वती पूजा में पीले रंग का इतना महत्व क्यों हैं?
कब है बसंत पंचमी ? – हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष बसंत पंचमी की शुरुआत 13 फरवरी को दोपहर 2 बजकर 41 मिनट पर होगी और 14 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए उदयातिथि के अनुसार, 14 फरवरी को ही सरस्वती पूजा की जाएगी।
पूजन मुहूर्त : 14 फरवरी को सुबह 10 बजकर 30 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 30 मिनट तक सरस्वती पूजन का शुभ संयोग बन रहा है।
सरस्वती पूजा में पीले रंग का महत्व : ज्योतिष शास्त्र में पीले रंग सुख-शांति और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। बसंत पंचमी के दिन सूर्य के उत्तरायण में रहने से सूर्य की किरणों से पृथ्वी पीली हो जाती है। मान्यता है कि पीला रंग आत्विश्वास बढ़ाता है। पीला रंग तनाव कम करने में मदद करता है। यह भी कहा जाता है कि पीले रंग का वस्त्र पहनकर सरस्वती माता की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसलिए लोग बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र पहनते हैं।
नोट : इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
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