नई दिल्ली (हमारा वतन) विश्व नदी दिवस आयोजित करने के पीछे मुख्य उद्देश्य जन जागरूकता बढ़ाना है। नदियों की स्वच्छता एवं संरक्षण का दिन लोगों को एक साथ लाने के लिए मनाया जाता है। प्रदूषण और नदियों का सूखना नदियों के लिए बड़ा ख़तरा है इसलिए यह दिन संगठनों से योजनाओं और दान को भी आमंत्रित करता है।
लोग नदियों की सफाई के लिए आर्थिक मदद जुटाने के लिए भी आयोजन करते हैं। नाव दौड़, समूह के साथ स्थानीय नदी पर जाकर उसे साफ़ करना, स्कूलों में सामुदायिक दौरे आयोजित करना आदि जैसी मज़ेदार गतिविधियाँ भी आयोजित होती हैं।
विश्व नदी दिवस के संस्थापक मार्क एंजेलो के अनुसार, “नदियाँ हमारे ग्रह की धमनियाँ हैं; वे सच्चे अर्थों में जीवन रेखाएँ हैं।” मार्क एंजेलो ने सितंबर 1980 में ब्रिटिश कोलंबिया में थॉम्पसन नदी को साफ करने की पहल की और इसकी सफलता को नदी दिवस के रूप में चिह्नित किया गया।
2005 में संयुक्त राष्ट्र ने मार्क एंजेलो के प्रस्ताव को मान्यता दी क्योंकि यह नदियों के संरक्षण के लिए एक उपयोगी घटना थी। उस दिन से प्रत्येक सितंबर के चौथे रविवार को विश्व नदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस वर्ष के विश्व नदी दिवस का विषय “नदियों के अधिकार” है। यह थीम नदियों को दुनिया के खजाने के रूप में नामित करती है क्योंकि वे जीवन के लिए पानी उपलब्ध कराती हैं। नदियाँ मानव जाति, पशु जीवन, वनस्पतियों और जीवों के लिए पानी का एक बड़ा स्रोत हैं।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
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