जयपुर (हमारा वतन) पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय तीज फेस्टिवल के पहले दिन चांदी की पालकी में सोलह श्रृंगार से सुशोभित तीज माता की सवारी शाही लवाजमे के साथ निकली। सर्वप्रथम पूर्व राजपरिवार के सदस्यों ने तीज माता की पूजा-अर्चना की। इसके बाद आम लोगों के दर्शन के लिए तीज माता की सवारी को नगर भ्रमण के लिए निकाला गया।
मान्यता है कि, तीज माता के दर्शन करने पर हर मनोकामना पूरी होती है। तीज माता की सवारी को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जयपुर परकोटे में पहुंचे। सुर्ख लाल परिधान में कीमती आभूषणों से सजी तीज माता चांदी की पालकी में विराजमान थी। महिलाओं ने तीज माता के दर्शन कर पुष्प बरसाए और सुख-सौभाग्य का आशीर्वाद मांगा। इससे पहले जनानी ड्योढ़ी में तीज माता की पूजा-अर्चना की गई। बूढ़ी तीज की सवारी रविवार को निकाली जाएगी।
हाथी पर पंचरंगा ध्वज थामे राजपरिवार के सेवक ने तीज माता की सवारी की अगुवाई की। इसके बाद तीज माता को ऊंट, घोड़े और बैलों के साथ एक रथ और पालकी में ढोल बजाते हुए लाया गया। बैंड बाजा, सजे-धजे ऊंट-घोड़े और शाही लवाजमे के साथ चांदी की पालकी पर सवार तीज माता की सवारी त्रिपोलिया गेट, छोटी चौपड़, गणगौरी बाजार होते हुए तालकटोरा पहुंची।
इस दौरान पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में राजस्थान की लोक संस्कृति की अद्भुत छटा दिखाई दी। प्रदेशभर से आए कलाकारों ने अपनी मन मोहक प्रस्तुतियों से सबका मन मोहा लिया।
वहीं शाही सवारी के दौरान राजस्थान के प्रसिद्ध लोक नृत्य जैसे कालबेलिया नृत्य, गैर नृत्य, बहरूपिया, मशक वादन, कठपुतली नृत्य, कच्ची घोड़ी, विभान्न लोक कलाकारों के समूहों सहित बैंड समूहों ने अपनी शानदार प्रस्तुतियां से सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा, वहीं तीज फेस्टिवल को देखने बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक भी पहुंचे। फेस्टिवल को लेकर देशी-विदेशी पर्यटकों में काफी उत्साह देखा गया। इस अवसर पर पर्यटन विभाग सहित जिला प्रशासन के उच्च अधिकारी भी उपस्थित रहे।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
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